बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक द्वारा राज्य के अंदर संचालित सभी मदरसों के सर्वे के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया गया है. यह सर्वे राज्य शिक्षा विभाग की देख रेख में होगा. राज्य में 186 सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त मदरसे हैं. जिनमें से अधिकांश उत्तरी कर्नाटक और तटीय क्षेत्रों में स्थित हैं. कर्नाटक राज्य में, अरबी स्कूलों ने हाल ही में एक सर्वेक्षण किया. कर्नाटक के स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने गुरुवार को कहा कि हमें शिकायतें मिली कि इन स्कूलों के छात्र अन्य स्कूलों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनके पास शिक्षा का उचित स्तर नहीं है.
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Around 200 Arabic schools are registered with Karnataka Education Board. We received complaints that students of these schools aren't capable of competing with students of other schools as they don't have a proper standard of education: BC Nagesh, Karnataka School Education Min pic.twitter.com/pEkK88F5ll
— ANI (@ANI) October 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 28, 2022Around 200 Arabic schools are registered with Karnataka Education Board. We received complaints that students of these schools aren't capable of competing with students of other schools as they don't have a proper standard of education: BC Nagesh, Karnataka School Education Min pic.twitter.com/pEkK88F5ll
— ANI (@ANI) October 28, 2022
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उन्होंने कहा कि फिर हमने उन स्कूलों का सर्वेक्षण करने का फैसला किया और पाया कि अधिकांश अरबी स्कूल राज्य शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. हमने सहायक आयुक्त से इसकी समीक्षा करने को कहा है और रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई करेंगे. बीसी नागेश ने बताया कि 106 सरकारी सहायता प्राप्त और 80 निजी मदरसे हैं. वे शिक्षा विभाग की पाठ्यपुस्तक के आधार पर नहीं पढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी सहायता प्राप्त स्कूलों में जैसी सुविधाएं होनी चाहिए थीं, बच्चों को भाषा कौशल देने के लिए जो काम किया जाना चाहिए वैसा कई मदरसों में नहीं हो रहा है. शिक्षा मंत्री ने इसपर नाराजगी जताई है.