चेन्नई: तमिलनमाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर दिए गए बयान का मामला अभी ठंडा नही हुआ है. अब एआईएडीएमके के महासचिव और तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) ने मंत्री उदयनिधि के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर कानूनी कार्रवाई की है. मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी से उन्होंने यह फैसला लिया है, जिसमें उन्होंने कोडानाड डकैती और हत्या मामले के संबंध में ईपीएस का भी जिक्र किया था.
पलानीस्वामी का कहना है कि उदयनिधि स्टालिन द्वारा 7 सितंबर को सभा को संबोधित करते हुए सनातन धर्म पर टिप्पणी के साथ बयान में उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था. जवाब में, ईपीएस ने उदयनिधि स्टालिन को उनके बारे में कोई और टिप्पणी को रोकने के लिए एक प्रतिबंध आदेश की मांग की है. पलानीस्वामी ने अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने की बात भी कही है, और उनकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 1.10 करोड़ का हर्जाना की मांग की है.
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर दिए गए अपने बयान में एडप्पादी के पलानीस्वामी का नाम भी लिया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि ईपीएस अनिश्चित काल तक छुप नहीं सकता, उन्होंने उनकी तुलना एक बकरी से की जो झाड़ी में शरण लेकर कोडानाड डकैती सह हत्या मामले से बचने का प्रयास कर रहा है. इसके अलावा, उन्होंने इशारों इशारों में बकरी के एक दिन गायब होने की बात भी कही थी.
इन टिप्पणियों पर अपनी शिकायत व्यक्त करते हुए ईपीएस ने मंत्री उदयनिधि स्टालिन, जो डीएमके के एक प्रमुख सदस्य हैं, के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करके कानूनी कार्रवाई की है. पलानीस्वामी का यह कानूनी कदम तमिलनाडु राज्य के भीतर चल रहे राजनीतिक तनाव और प्रतिद्वंद्विता को भी उजागर करता है.