नई दिल्ली: 200 करोड़ रुपये की ठगी मामले में तिहाड़ जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर को मदद पहुंचाने के आरोप में शामिल 82 जेल अधिकारियों पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) का शिकंजा कसता जा रहा है. EOW ने इन सभी जेलकर्मियों से 2020 से अब तक की उनकी चल और अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा मांगा है. EOW को शक है कि सुकेश इन पर पैसे के बल पर दबाव बनाता था और अपना काम निकलवाता था. उन पैसों से कहीं ये संपत्ति तो नहीं खरीदी गई.
दरअसल, ये सभी अफसर किसी न किसी तरह से सुकेश चंद्रशेखर की ठगी मामले से जुड़े हुए थे. EOW ने इन सभी अफसरों से उनके पैन कार्ड, सैलरी स्लिप और फॉर्म-16 भी मांगा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में EOW ने तिहाड़ DG को पत्र भी लिखा है. इस पत्र के माध्यम से उन अफसरों की ये सारी डिटेल मांगी गई है.
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इन सभी जेल अधिकारियों की 1 अप्रैल 2020 से अब तक के बीच की जानकारी मांगी गई है. इस डिटेल से इस बात का पता लगाया जाएगा कि इन अफसरों ने रिश्वत या किसी और तरह की मदद लेकर चल या अचल संपत्ति तो नहीं खरीदी है. जानकारी के मुताबिक इन 82 जेल अधिकारियों में से 56 की तरफ से मांगी गई डिटेल जमा करा दी गई है. अब उसकी जांच की जा रही है.
200 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर को रोहिणी जेल में अवैध रूप से सुविधाएं मुहैया कराने वाले 82 जेल अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने साल भर पहले जांच शुरू की थी. एलजी से मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने इनको गिरफ्तार किया था. जानकारी के अनुसार सुकेश से जेलकर्मी हर माह डेढ़ करोड़ रुपये की रिश्वत लेते थे. महीनों तक सुबूत जुटाने व जेल अधीक्षक से अनुमित मिलने के बाद पिछले साल 16 जून को इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम, आपराधिक साजिश रचने व मकोका समेत 18 धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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