मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को मुंबई की एक 'चॉल' के पुन:विकास और उनकी पत्नी और मित्रों से जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन से संबंधित धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को नया नोटिस जारी किया और उनसे शुक्रवार को एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा. इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने राज्यसभा के सदस्य राउत से कहा था कि वह मंगलवार को दक्षिण मुंबई में स्थित संघीय जांच एजेंसी के दफ्तर में उसके अधिकारियों के सामने पेश हों और धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराएं.
-
Enforcement Directorate (ED) sends a second summon to Shiv Sena leader Sanjay Raut, asking him to appear before them on 1st July in connection with the Patra Chawl land scam case.
— ANI (@ANI) June 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(File photo) pic.twitter.com/oMCnaeRRRE
">Enforcement Directorate (ED) sends a second summon to Shiv Sena leader Sanjay Raut, asking him to appear before them on 1st July in connection with the Patra Chawl land scam case.
— ANI (@ANI) June 28, 2022
(File photo) pic.twitter.com/oMCnaeRRREEnforcement Directorate (ED) sends a second summon to Shiv Sena leader Sanjay Raut, asking him to appear before them on 1st July in connection with the Patra Chawl land scam case.
— ANI (@ANI) June 28, 2022
(File photo) pic.twitter.com/oMCnaeRRRE
राउत ने आज एजेंसी के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताते हुए कहा था कि ईडी उन्हें पेश होने के लिए नई तारीख दे दें. उन्होंने इसके लिए आधिकारिक प्रतिबद्धताएं और अलीबाग में एक जनसभा में शामिल होने का हवाला दिया था. उनके वकीलों ने मंगलवार को मुंबई में ईडी के अधिकारियों से मुलाकात की और उनकी पेशी के लिए 14 दिन का समय मांगा, लेकिन एजेंसी ने उन्हें इस महीने के अंत तक की राहत दी.
राउत ने ईडी के समन को सोमवार को साजिश बताया था और कहा था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए. हालांकि उन्होंने अधिकारियों के साथ सहयोग करने की बात भी कही थी. यह घटनाक्रम ऐसे वक्त पर हुआ है जब शिवसेना के विधायकों की बगावत की वजह से महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के भविष्य पर सवालिया निशान लगा हुआ है. पार्टी के बागी विधायकों को पहले सूरत और फिर गुवाहाटी ले जाया गया। शिवसेना नीत एमवीए गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अन्य घटक दल हैं.
ये है मामला : पूरा मामला 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस का है. ईडी ने अप्रैल में भूमि घोटाले के सिलसिले में राउत की संपत्ति कुर्क की थी. ईडी ने राउत के सहयोगी प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपये की संपत्ति और संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत की 2 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. प्रवीण के पास अलीबाग में आठ पार्सल जमीन और वर्षा राउत के नाम पर पंजीकृत एक फ्लैट था, जिसे कुर्क किया गया था. ईडी ने इस मामले में प्रवीण को गिरफ्तार किया था.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने मामले में एचडीआईएल के प्रवीण, सारंग वधावन और राकेश वधावन और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.' जांच के दौरान ईडी ने बताया कि प्रवीण ने वर्षा को कथित तौर पर 55 लाख रुपये का भुगतान किया था. यह भुगतान प्रवीण की पत्नी के बैंक खाते से किया गया था. ईडी ने इस पैसे को अपराध की आय करार दिया था. यह भी आरोप लगाया गया कि संजय राउत की यात्रा का खर्च प्रवीण ने वहन किया, जिसमें उनके होटल में ठहरने और हवाई टिकट शामिल थे.
पढ़ें- ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए संजय राउत, वकील ने अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया