नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को आरबी एजुकेशनल ट्रस्ट के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले (पीएमएलए) में जम्मू-कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर स्थित आठ परिसरों पर छापेमारी की. जांच एजेंसी ने जम्मू, कठुआ और पठानकोट में कार्रवाई की. एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही जांच के आधार पर यह कार्रवाई की गई.
सीबीआई ने 12 सितंबर 2020 को मामले में पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की. सीबीआई ने 28 अक्टूबर, 2021 को मामले में एक आरोप पत्र भी दायर किया गया था. आरोपपत्र में आरबी एजुकेशनल ट्रस्ट की अध्यक्ष कांता अंडोत्रा और 2011 में हलका करांडी खुर्द के तत्कालीन पटवारी रविंदर सिंह और मुथी हरदो का नाम शामिल किया गया. आरोप है कि इन्होंने आपराधिक मिलीभगत से धांधली को अंजाम दिया. जम्मू और कश्मीर कृषि सुधार अधिनियम 1976 की धारा 14 के तहत लगाई गई 100 मानक कनाल की अधिकतम सीमा के उल्लंघन के आरोप लगाए गए. इससे ट्रस्ट को अनुचित आर्थिक लाभ मिला.
इसमें शामिल मुख्य व्यक्तियों में पूर्व सांसद और पूर्व विधायक एक लाल सिंह, उनकी पत्नी कांता अंडोत्रा (पूर्व विधायक और ट्रस्ट की अध्यक्ष) और तत्कालीन पटवारी शामिल हैं. दौरान ईडी द्वारा जांच के दौरान यह सामने आया है कि अतिरिक्त भूमि का उपयोग ट्रस्ट द्वारा डीपीएस स्कूल और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को चलाने के लिए सक्रिय रूप से किया गया.
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एजेंसी ने कहा कि ट्रस्ट से जुड़े लोगों के परिसरों पर छापेमारी की गई. इनमें अध्यक्ष, भूमि दाता, भूमि दाताओं की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी धारक, गवाह जिन्होंने कार्यों को निष्पादित किया था शामिल हैं. इसके साथ ही तत्कालीन पटवारी जिन्होंने आरबी एजुकेशनल ट्रस्ट के कार्यों को निष्पादित करने देने के लिए गलत तरीके से फर्द जारी किया था.