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ईडी ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में 6 स्थानों पर चलाया सर्च ऑपरेशन

ईडी ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान किसान क्रेडिट के तहत लोन मंजूरी से जुड़े मामले में कई उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए हैं. मामले में जांच जारी है.Directorate of Enforcement,Andhra Pradesh and Telangana, ED conducts search operations ,Kisan Credit Card

Directorate of Enforcement
प्रवर्तन निदेशालय
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By ANI

Published : Dec 2, 2023, 5:23 PM IST

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इस बारे में शनिवार को एक बयान में बताया गया कि ईडी ने छापेमारी की कार्रवाई की गई. बताया जाता है कि किसान क्रेडिट के तहत लोन मंजूरी में धोखाधड़ी मामले की जांच के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह जगहों पर तलाशी ली गई. यह मामला मछली पालने के लिए टैंक बनाने के लिए किसानों को क्रेडिट कार्ड लोने देने से जुड़ा है. छापेमारी के दौरान डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया.

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ईडी ने आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण की विभिन्न धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), विशाखापत्तनम द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. इसमें मछली पालन करने वाले किसानों को तालाबों, टैंकों के निर्माण के लिए शॉर्ट टर्म लोन की मंजूरी देने के मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में आईडीबीआई बैंक की राजमुंदरी शाखा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था.

इस संबंध में ईडी की जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों ने बैंकिंग चैनलों, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, भविष्य निधि के माध्यम से वेतन भुगतान के बहाने अपने कर्मचारियों और जानने वाले और किसानों आदि से केवाईसी दस्तावेज, खाली चेक लिए थे. इतना ही नहीं इन दस्तावेजों के आधार पर आरोपी व्यक्तियों ने उनके नाम पर बैंक अफसरों की मिलीभगत से 311.05 करोड़ रुपये का ऋण ले लिया.

इस बारे में ईडी का कहना है कि श्रमिकों, किसानों आदि के खातों में जमा की गई ऋण राशि आरोपी व्यक्तियों के खातों में स्थानांतरित कर दी गई और कई मामलों में पूरी ऋण राशि नकद में निकाल ली गई. आरोपी व्यक्तियों ने इस प्रकार ऋण एग्रीगेटर के रूप में काम किया और अंततः ऋण राशि का उपयोग अपने लाभ के लिए किया, जिसमें उनके व्यवसायों में निवेश और परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों के नाम पर संपत्तियों का अधिग्रहण शामिल था. इसी क्रम में ऋण एग्रीगेटर्स के आवासों और कार्यालय परिसरों में तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप डिजिटल उपकरणों की बरामदगी और जब्ती हुई और अपराध की आय से अर्जित कई अचल और चल संपत्तियों का खुलासा हुआ. फिलहाल जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ें - ईडी ने सुपरटेक के खिलाफ धनशोधन मामले में DLF के परिसरों की तलाशी ली

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इस बारे में शनिवार को एक बयान में बताया गया कि ईडी ने छापेमारी की कार्रवाई की गई. बताया जाता है कि किसान क्रेडिट के तहत लोन मंजूरी में धोखाधड़ी मामले की जांच के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह जगहों पर तलाशी ली गई. यह मामला मछली पालने के लिए टैंक बनाने के लिए किसानों को क्रेडिट कार्ड लोने देने से जुड़ा है. छापेमारी के दौरान डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया.

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ईडी ने आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण की विभिन्न धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), विशाखापत्तनम द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. इसमें मछली पालन करने वाले किसानों को तालाबों, टैंकों के निर्माण के लिए शॉर्ट टर्म लोन की मंजूरी देने के मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में आईडीबीआई बैंक की राजमुंदरी शाखा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था.

इस संबंध में ईडी की जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों ने बैंकिंग चैनलों, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, भविष्य निधि के माध्यम से वेतन भुगतान के बहाने अपने कर्मचारियों और जानने वाले और किसानों आदि से केवाईसी दस्तावेज, खाली चेक लिए थे. इतना ही नहीं इन दस्तावेजों के आधार पर आरोपी व्यक्तियों ने उनके नाम पर बैंक अफसरों की मिलीभगत से 311.05 करोड़ रुपये का ऋण ले लिया.

इस बारे में ईडी का कहना है कि श्रमिकों, किसानों आदि के खातों में जमा की गई ऋण राशि आरोपी व्यक्तियों के खातों में स्थानांतरित कर दी गई और कई मामलों में पूरी ऋण राशि नकद में निकाल ली गई. आरोपी व्यक्तियों ने इस प्रकार ऋण एग्रीगेटर के रूप में काम किया और अंततः ऋण राशि का उपयोग अपने लाभ के लिए किया, जिसमें उनके व्यवसायों में निवेश और परिवार के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों के नाम पर संपत्तियों का अधिग्रहण शामिल था. इसी क्रम में ऋण एग्रीगेटर्स के आवासों और कार्यालय परिसरों में तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप डिजिटल उपकरणों की बरामदगी और जब्ती हुई और अपराध की आय से अर्जित कई अचल और चल संपत्तियों का खुलासा हुआ. फिलहाल जांच की जा रही है.

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