नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक पूर्व सांसद, उनके परिवार तथा कारोबारी प्रतिष्ठानों के खिलाफ धनशोधन (Money laundering probe) से जुड़ी कथित बैंक धोखाधड़ी की जांच के क्रम में 315 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है.
राकांपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य 77 वर्षीय ईश्वरलाल शंकरलाल जैन ललवानी (Ishwarlal Shankarlal Jain Lalwani) राजमल लखीचंद ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड, आर एल गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड और मनराज ज्वेलर्स के प्रवर्तक हैं.
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने कंपनियों के बैंक धोखाधड़ी मामले में कुल 315.60 करोड़ रुपये मूल्य की कुछ पवनचक्की, चांदी तथा हीरे के आभूषण, ईंट और भारतीय मुद्रा के अलावा जलगांव, मुंबई, ठाणे, सिलोड (महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में) और कच्छ (गुजरात) में 70 अचल संपत्तियां कुर्क करने के लिए शुक्रवार को धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया था.
ईडी ने आरोप लगाया, 'कुर्क की गईं संपत्तियों में प्रवर्तक ईश्वरलाल शंकरलाल जैन ललवानी, मनीष ईश्वरलाल जैन ललवानी और अन्य द्वारा खरीदी गई बेनामी संपत्ति भी शामिल है.'
पीएमएलए का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज तीन प्राथमिकियों से संबंधित है जिसमें आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों और उसके निदेशक/प्रवर्तक ने भारतीय स्टेट बैंक को गलत तरीके से 352.49 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया.
ईडी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तकों ने ऐसा कर्ज लेने के लिए 'फर्जी' वित्तीय जानकारियां दीं. इसने इस मामले में अगस्त में छापेमारी की थी. ईडी ने तब दावा किया था कि मुख्य होल्डिंग कंपनी राजमल लखीचंद जलगांव पार्टनरशिप कंपनी के बहीखातों में फर्जी बिक्री-खरीद लेनदेन जैसी कई विसंगतियां पाई गई हैं.