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मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ब्लूमैक्स कैपिटल के 3 निदेशकों समेत चार ईडी की गिरफ्त में

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत आर अरविंद, एस गोपालकृष्णन, एस भरतराज, ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के 3 निदेशकों और तूतीकोरिन के उनके सहयोगी जे अमरनाथ को गिरफ्तार किया और उन्हें पीएमएलए स्पेशल कोर्ट के समक्ष पेश किया.

Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय
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Published : Dec 2, 2022, 3:24 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 4:42 PM IST

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि जनता से 108 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में एक निजी फर्म के तीन निदेशकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों की पहचान ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशक आर. अरविंद, एस. गोपालकृष्णन, एस. भारतराज और तूतीकोरिन के उनके सहयोगी जे. अमरनाथ के रूप में की गई. उन्हें एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 12 दिनों की हिरासत में भेज दिया है.

ईडी ने ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की. पुलिस को आम जनता से शिकायतें मिलीं कि उन्हें आरोपियों ने धोखा दिया, जिन्होंने उन्हें उच्च रिटर्न का वादा किया था और उन्हें विदेशी मुद्रा, वस्तुओं और सोने के व्यापार में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने के लिए कहा था. ईडी ने कहा कि पीड़ितों से करीब 108 करोड़ रुपये की ठगी की गई.

जांच एजेंसी को पता चला कि निदेशकों ने नकली सुविधाओं के साथ कंपनी की एक वेबसाइट बनाई थी, जो निवेशकों के पैसे के साथ गलत रियल टाइम फॉरेक्स ट्रेडिंग दिखाती थी. ईडी ने बताया कि, 'कंपनी की कार्यप्रणाली यह थी कि एक बार जब कोई व्यक्ति पैसे का निवेश करेगा, तो उन्हें एक खाता प्रदान किया जाएगा और कंपनी की वेबसाइट को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि, जब कोई व्यक्ति अपने खाते में लॉग इन करता है, तो उसके अंदर दिखाई गई सबी चीजें झूठी होती है.'

आगे ईडी ने बताया कि 'वेबसाइट को विदेशी मुद्रा में वास्तविक व्यापार, व्यापार चार्ट के माध्यम से वस्तुओं आदि का झूठा चित्रण करके निवेशकों को गुमराह करने के लिए डिजाइन किया गया था.' अक्टूबर 2019 में, निदेशकों ने जानबूझकर अपनी कंपनी के सर्वर की झूठी हैकिंग का मंचन किया और उसके बाद निवेशकों को सूचित किया कि उनका पैसा व्यापार में खो गया है. उन्होंने तब कुछ निवेशकों को आंशिक धन का सांकेतिक पुनर्भुगतान किया था, दूसरों को परेशानी में डाल दिया था.

ईडी की जांच से पता चला है कि, निवेशकों के पैसे को किसी भी व्यापारिक गतिविधियों में निवेश नहीं किया गया था, जैसा कि वादा किया गया था और अब गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से एक बड़ा हिस्सा डायवर्ट किया था और उनके नाम या उनके नाम पर नए व्यवसायों में निवेश किया था. साथ ही उन्होंने पत्नियों के नाम और गुप्त रूप से क्रिप्टो करेंसी में निवेश भी किया.

पढ़ें: कर्नाटक: सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश का हिंदू-मुस्लिम बयान, राज्य में छिड़ा नया घमासान

यह भी देखा गया कि तीनों निदेशकों ने मिलकर मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग, बेलीज और यूके में अपतटीय स्थानों में ब्लूमैक्स ग्लोबल लिमिटेड के नाम से कंपनियां और बैंक खाते शुरू किए और उनमें पैसा जमा किया. इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न व्यवसायों को भी शुरू किया था और धोखाधड़ी करने के लिए विदेशों में उनके नाम पर और अन्य असंबंधित व्यक्तियों के नाम पर बैंक खाते खोले थे.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि जनता से 108 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में एक निजी फर्म के तीन निदेशकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों की पहचान ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशक आर. अरविंद, एस. गोपालकृष्णन, एस. भारतराज और तूतीकोरिन के उनके सहयोगी जे. अमरनाथ के रूप में की गई. उन्हें एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 12 दिनों की हिरासत में भेज दिया है.

ईडी ने ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की. पुलिस को आम जनता से शिकायतें मिलीं कि उन्हें आरोपियों ने धोखा दिया, जिन्होंने उन्हें उच्च रिटर्न का वादा किया था और उन्हें विदेशी मुद्रा, वस्तुओं और सोने के व्यापार में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने के लिए कहा था. ईडी ने कहा कि पीड़ितों से करीब 108 करोड़ रुपये की ठगी की गई.

जांच एजेंसी को पता चला कि निदेशकों ने नकली सुविधाओं के साथ कंपनी की एक वेबसाइट बनाई थी, जो निवेशकों के पैसे के साथ गलत रियल टाइम फॉरेक्स ट्रेडिंग दिखाती थी. ईडी ने बताया कि, 'कंपनी की कार्यप्रणाली यह थी कि एक बार जब कोई व्यक्ति पैसे का निवेश करेगा, तो उन्हें एक खाता प्रदान किया जाएगा और कंपनी की वेबसाइट को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि, जब कोई व्यक्ति अपने खाते में लॉग इन करता है, तो उसके अंदर दिखाई गई सबी चीजें झूठी होती है.'

आगे ईडी ने बताया कि 'वेबसाइट को विदेशी मुद्रा में वास्तविक व्यापार, व्यापार चार्ट के माध्यम से वस्तुओं आदि का झूठा चित्रण करके निवेशकों को गुमराह करने के लिए डिजाइन किया गया था.' अक्टूबर 2019 में, निदेशकों ने जानबूझकर अपनी कंपनी के सर्वर की झूठी हैकिंग का मंचन किया और उसके बाद निवेशकों को सूचित किया कि उनका पैसा व्यापार में खो गया है. उन्होंने तब कुछ निवेशकों को आंशिक धन का सांकेतिक पुनर्भुगतान किया था, दूसरों को परेशानी में डाल दिया था.

ईडी की जांच से पता चला है कि, निवेशकों के पैसे को किसी भी व्यापारिक गतिविधियों में निवेश नहीं किया गया था, जैसा कि वादा किया गया था और अब गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से एक बड़ा हिस्सा डायवर्ट किया था और उनके नाम या उनके नाम पर नए व्यवसायों में निवेश किया था. साथ ही उन्होंने पत्नियों के नाम और गुप्त रूप से क्रिप्टो करेंसी में निवेश भी किया.

पढ़ें: कर्नाटक: सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश का हिंदू-मुस्लिम बयान, राज्य में छिड़ा नया घमासान

यह भी देखा गया कि तीनों निदेशकों ने मिलकर मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग, बेलीज और यूके में अपतटीय स्थानों में ब्लूमैक्स ग्लोबल लिमिटेड के नाम से कंपनियां और बैंक खाते शुरू किए और उनमें पैसा जमा किया. इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न व्यवसायों को भी शुरू किया था और धोखाधड़ी करने के लिए विदेशों में उनके नाम पर और अन्य असंबंधित व्यक्तियों के नाम पर बैंक खाते खोले थे.

(आईएएनएस)

Last Updated : Dec 2, 2022, 4:42 PM IST
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