रांची: झारखंड पुलिस मुख्यालय में राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को ईस्टर्न रीजनल पुलिस कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई. बैठक में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियो के अफसरों ने भी भाग लिया. बैठक में एक साथ मिलकर और आपसी समन्वय बनाकर नक्सल, ड्रग्स, साइबर, मानव तस्करी और संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने की रणनीति पर मुहर लगाई गई है. ईस्टर्न रीजनल पुलिस कॉर्डिनेशन कमेटी की अगली बैठक कोलकाता में होगी.
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नक्सलवाद को लेकर महत्वपूर्ण रही बैठक: ईस्टर्न रीजनल पुलिस कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में नक्सल और ड्रग्स कारोबार पर नकेल कसने को लेकर रणनीति बनाई गई है. पिछले दो सालों के दौरान झारखंड पुलिस ने नक्सली फ्रंट पर बेहतरीन काम किया है. यह सभी जानते हैं कि झारखंड में बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल और ओडिशा के दुर्दांत नक्सली नेता अभी भी सक्रिय हैं. वैसे नक्सली कमांडरों पर नकेल कसने की रणनीति भी मीटिंग में बनी है. झारखंड का बूढ़ा पहाड़ छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है, जबकि वर्तमान समय में पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी सारंडा के बॉर्डर ओडिशा से सटे हुए हैं.
नोडल अफसर किए गए नियुक्त: ऐसे में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में दोनों राज्यों की भूमिका बेहद अहम है. नक्सल मुद्दे पर पांचों राज्यों के बीच आपसी समन्वय स्थापित कर अभियान चलाने पर भी सहमति बनी है. ड्रग्स और दूसरे मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए भी पांचों राज्यों के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर रणनीति बनाई गई है. इसके लिए बकायदा नोडल अवसर भी तय किए गए हैं. झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि बैठक में नक्सलियों से मुकाबले के लिए राज्यों के बीच खुफिया सूचना का आदान-प्रदान करना, मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने, कुख्यात नक्सलियों और अपराधियों के मूवमेंट की जानकारी साझा करना जैसे विषयों पर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया.
कई एजेंडे पर बनी काम करने की रणनीति: झारखंड पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एमएल मीना ने बताया कि मीटिंग के एजेंडे में सबसे प्रमुख खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करना था. बैठक के दौरान सबसे पहले खुफिया सूचनाओं का ही आदान-प्रदान किया गया. साथ ही इसके निमित आगे भी कार्य करने की योजना बनी है. इसके अलावा आतंकी गतिविधि में शामिल वांछित, साइबर और संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ-साथ ड्रग्स और पशु तस्करों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी रणनीति बनी है. एडीजी एमएल मीना ने बताया कि राज्य पुलिस की सीमाएं तय होती हैं, लेकिन अपराधियों और नक्सलियों की कोई सीमा नहीं होती है. ऐसे में ईस्टर्न रीजनल पुलिस कॉर्डिनेशन कमेटी की यह बैठक बेहद अहम है ताकि पांचों राज्यो की पुलिस एक-दूसरे की मदद कर सके.
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कैंप के निर्माण और ज्वॉइंट ऑपरेशन के बने प्लान: झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि पांचों राज्यों में नक्सलियों का मूवमेंट कुछ विशेष जगहों पर ही बच गया है. ऐसे में अब उनके खात्मे के लिए बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन चलाने की प्लानिंग की गई है. साथ ही बॉर्डर इलाकों में पुलिस कैंप स्थापित करने के लिए एक-दूसरे के सहयोग को लेकर भी सहमति बनी है.