नई दिल्ली : भारत और चीन ने बुधवार को यहां प्रत्यक्ष राजनयिक वार्ता शुरू की और इस दौरान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के अन्य बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने के प्रस्ताव पर 'स्पष्ट और खुले' तरीके से चर्चा हुई.
अमन-चैन की बहाली पर दोनों पक्षों का जोर : दोनों पक्षों ने जोर देकर कहा कि अमन-चैन की बहाली से द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की स्थितियां बनेंगी. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत-चीन सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 27वीं बैठक 31 मई 2023 को नई दिल्ली में आयोजित हुई.
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27th Meeting of Working Mechanism for Consultation and Coordination on India-China Border affairs held today
— ANI Digital (@ani_digital) May 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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भारत के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान : विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक ने किया. भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिति की समीक्षा की.
जल्द होगी वरिष्ठ कमांडरों की बैठकों के अगले दौर की बैठक : इस बैठक में बाकी क्षेत्रों से पीछे हटने के प्रस्ताव पर स्पष्ट और खुले रूप से चर्चा की. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल द्वारा, वे जल्द से जल्द वरिष्ठ कमांडरों की बैठकों के अगले (19वें) दौर को आयोजित करने पर सहमत हुए.
गलवान घाटी में संघर्ष के बाद बदली स्थितियां : बता दें की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिविधियों ने भारत और चीन के बीच खटास बढ़ा दी है. जून 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद 20 भारतीय सैनिकों और कई चीनी सैनिक मारे गये थे. जिसके बाद से सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है.
एलएसी पर शांति बहाली है अहम सवाल : चीन ने बार-बार दोहराया है कि वह सही सीमा रेखा निर्धारित करना चाहता है. जबकि भारत ने कई वैश्विक मंचों पर कहा है कि एलएसी पर शांति बहाल होने तक चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते. भारत और चीन ने एलएसी पर तनाव कम करने के लिए 23 अप्रैल को वरिष्ठ कमांडरों की 18वें दौर की वार्ता की थी. इससे पहले दोनों पक्षों ने सीमा विवाद पर चर्चा के लिए दिसंबर 2022 में कोर कमांडरों के बीच बातचीत की थी.