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पूर्वी लद्दाख विवाद: भारत और चीन के बीच 17 जुलाई को 16वें दौर की सैन्य वार्ता की संभावना

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Published : Jul 14, 2022, 7:09 AM IST

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध पांच मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था.

पूर्वी लद्दाख विवाद
पूर्वी लद्दाख विवाद

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव के शेष क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत और चीन 17 जुलाई को 16वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता कर सकते हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच पिछले दौर की बातचीत 11 मार्च को हुई थी. नए दौर की वार्ता में भारतीय पक्ष द्वारा डेपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान की मांग के साथ ही टकराव वाले शेष सभी स्थानों से जल्द से जल्द सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव बनाए जाने की उम्मीद है.

सूत्रों ने कहा, कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की वार्ता 17 जुलाई को होने की संभावना है. पूर्वी लद्दाख से जुड़े विवाद का मुद्दा पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बाली में हुई बातचीत में प्रमुखता से उठा था. जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर बाली में एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया था.

उन्होंने यह भी कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित होने चाहिए. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, टकराव वाले कुछ स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाए जाने का जिक्र करते हुए, विदेश मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए शेष सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तेजी लाने की आवश्यकता को दोहराया.

पढ़ें: भारत और चीन 15वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों का हल करने में नाकाम रहे

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध पांच मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव के शेष क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत और चीन 17 जुलाई को 16वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता कर सकते हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच पिछले दौर की बातचीत 11 मार्च को हुई थी. नए दौर की वार्ता में भारतीय पक्ष द्वारा डेपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान की मांग के साथ ही टकराव वाले शेष सभी स्थानों से जल्द से जल्द सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव बनाए जाने की उम्मीद है.

सूत्रों ने कहा, कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की वार्ता 17 जुलाई को होने की संभावना है. पूर्वी लद्दाख से जुड़े विवाद का मुद्दा पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बाली में हुई बातचीत में प्रमुखता से उठा था. जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर बाली में एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया था.

उन्होंने यह भी कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित होने चाहिए. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, टकराव वाले कुछ स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाए जाने का जिक्र करते हुए, विदेश मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए शेष सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तेजी लाने की आवश्यकता को दोहराया.

पढ़ें: भारत और चीन 15वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों का हल करने में नाकाम रहे

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध पांच मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था.

पीटीआई-भाषा

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