बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. दोपहर 1:42 पर अचानक तेज कंपन से लोग घबराकर घरों और बिल्डिंग्स से बाहर निकल गए. फिलहाल, भूकंप के झटके से किसी तरह के हताहत होने की बात सामने नहीं आई है. बीकानेर में भूकंप के झटके को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) की ओर से कोई अपडेट नहीं किया गया है.
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग एक-दूसरे को फोन कर जानकारी लेने लगे. इससे पहले अगस्त में बीकानेर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस समय भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1 थी. भूकंप का केंद्र 10 किमी नीचे गहराई में था.
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अक्टबूर में भी महसूस हुए थे झटके : राजस्थान के बीकानेर और श्रीगंगानगर में 17 अक्टूबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए. राजधानी जयपुर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर करीब 3.6 रही. रात करीब 12:36 बजे भूकंप के झटके बीकानेर से लेकर टोंक, बूंदी तक महसूस किए गए.
6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है : भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है. इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है. इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली होता है. भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है. धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं. भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे बड़ी तबाही होती है.