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उत्तराखंड के चमोली में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 2.8 रही तीव्रता - uttarakhand latest earthquake

उत्तराखंड हमेशा से भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील रहा है. समय-समय पर यहां भूकंप से धरती डोलती रहती है. जो पूर्व के हादसों की याद ताजा कर देती है. जिसमें कई लोग असमय ही काल के गाल में समा गए थे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 12:02 PM IST

Updated : Aug 26, 2023, 12:23 PM IST

चमोली (उत्तराखंड): चमोली में भूकंप के झटकों से धरती डोली है. भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए और लोग घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की तीव्रता नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार 2.8 मैग्नीट्यूड रही. जबकि भूकंप पृथ्वी की सतह से करीब 10 किलोमीटर गहराई पर दर्ज किया गया है. हालांकि भूकंप से कहीं से भी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है.

गौर हो कि बीते दिन सीमांत जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. पिथौरागढ़ में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 2.7 मैग्नीट्यूड रही. वहीं जिले में कहीं से भी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है. लेकिन भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए.
पढ़ें-उत्तराखंड में लोगों को डरा रहे भूकंप के लगातार आ रहे झटके, पुरानी यादें पैदा कर रही हैं सिहरन

वहीं आज फिर सुबह 10.37 मिनट पर फिर उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए. वहीं भूकंप की तीव्रता 2.8 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है. फिलहाल जिले में कहीं से भी नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है.

उत्तराखंड में तबाही मचा चुका भूकंप: भू वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड को भूकंप के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील माना है. पूर्व में उत्तरकाशी, चमोली में आए भूकंप की विनाश लीला को लोग आज भी भूले नहीं हैं. लोग आज भी उस मंजर को याद कर रो पड़ते हैं, कई लोगों ने इस विनाश लीला में अपनों को खोया था.

पिथौरागढ़ मालपा भूस्खलन: पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील में 18 अगस्त 1998 में मालपा गांव में चट्टान दरकने से 225 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई थी. इस त्रासदी ने गांव का नामोनिशान मिटा कर रख दिया था. हादसे में 55 लोग मानसरोवर यात्री थे.

चमोली में भूकंप के झटके: वहीं सीमांत जनपद चमोली को साल 1999 में 6.8 रिक्टर स्केल के भूकंप ने हिला कर रख दिया था. इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी. साथ ही बड़े पैमाने पर जनहानि के साथ लोगों के घर तबाह हो गए थे.भूकंप में करीब 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.

उत्तरकाशी में भूकंप: साल 1991 में उत्तरकाशी में आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी. भूकंप त्रासदी में 768 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

चमोली (उत्तराखंड): चमोली में भूकंप के झटकों से धरती डोली है. भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए और लोग घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की तीव्रता नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार 2.8 मैग्नीट्यूड रही. जबकि भूकंप पृथ्वी की सतह से करीब 10 किलोमीटर गहराई पर दर्ज किया गया है. हालांकि भूकंप से कहीं से भी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है.

गौर हो कि बीते दिन सीमांत जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. पिथौरागढ़ में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 2.7 मैग्नीट्यूड रही. वहीं जिले में कहीं से भी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है. लेकिन भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए.
पढ़ें-उत्तराखंड में लोगों को डरा रहे भूकंप के लगातार आ रहे झटके, पुरानी यादें पैदा कर रही हैं सिहरन

वहीं आज फिर सुबह 10.37 मिनट पर फिर उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए. वहीं भूकंप की तीव्रता 2.8 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है. फिलहाल जिले में कहीं से भी नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है.

उत्तराखंड में तबाही मचा चुका भूकंप: भू वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड को भूकंप के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील माना है. पूर्व में उत्तरकाशी, चमोली में आए भूकंप की विनाश लीला को लोग आज भी भूले नहीं हैं. लोग आज भी उस मंजर को याद कर रो पड़ते हैं, कई लोगों ने इस विनाश लीला में अपनों को खोया था.

पिथौरागढ़ मालपा भूस्खलन: पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील में 18 अगस्त 1998 में मालपा गांव में चट्टान दरकने से 225 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई थी. इस त्रासदी ने गांव का नामोनिशान मिटा कर रख दिया था. हादसे में 55 लोग मानसरोवर यात्री थे.

चमोली में भूकंप के झटके: वहीं सीमांत जनपद चमोली को साल 1999 में 6.8 रिक्टर स्केल के भूकंप ने हिला कर रख दिया था. इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी. साथ ही बड़े पैमाने पर जनहानि के साथ लोगों के घर तबाह हो गए थे.भूकंप में करीब 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.

उत्तरकाशी में भूकंप: साल 1991 में उत्तरकाशी में आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी. भूकंप त्रासदी में 768 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

Last Updated : Aug 26, 2023, 12:23 PM IST
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