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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आया भूकंप, 2.2 रही तीव्रता, नेपाल बॉर्डर था केंद्र

Earthquake in Pithoragarh उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भूकंप आया है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.2 मापी गई है. राहत की बात ये है कि भूकंप से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.

Earthquake in Pithoragarh
पिथौरागढ़ भूकंप
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Published : Aug 3, 2023, 9:34 AM IST

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): पिथौरागढ़ जिले में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि भूकंप की तीव्रता बहुत ज्यादा नहीं थी. सुबह करीब 6 बजकर 35 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 2.2 थी. भूकंप का नेपाल बॉर्डर था. पिथौरागढ़ भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन पांच में आता है. इस अति दुर्गम पहाड़ी जिले में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं.

जुलाई में भी आए थे भूकंप के झटके: इससे पहले पिछले महीने 23 जुलाई को भी पिथौरागढ़ में भूकंप आया था. तब भूकंप की तीव्रता 3.2 थी. इसी साल फरवरी में भी पिथौरागढ़ की धरती भूकंप से हिली थी. 22 फरवरी की रात 1:45 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.0 मापी गई थी. तब भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आये थे. दरअसल चीन और नेपाल बॉर्डर पर स्थित पिथौरागढ़ जिला भूकंप की दृष्टि से जोन फाइव में आता है. इस कारण भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड राज्य बेहद संवेदनशील माना जाता है.

उत्तराखंड के ये जिले हैं संवेदनशील: उत्तराखंड के चार पहाड़ी जिले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं. इन चार जिलों में पिथौरागढ़ के साथ पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली और रुद्रप्रयाग आते हैं. इसके साथ ही पांच अन्य पहाड़ी जिले जिनमें अल्मोड़ा, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी शामिल हैं, ये जोन IV और V दोनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र हैं. चमोली और उत्तरकाशी में पहले भी भयंकर भूकंप आ चुके हैं.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ में भूकंप से फिर डोली धरती, 3.2 रही तीव्रता, नहीं हुआ कोई नुकसान

वैज्ञानिकों ने बताया क्यों आता है भूकंप: भूकंप का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालयन रीजन में इंडियन प्लेट 40 से 50 मिलीमीटर सालाना गति कर रही है यानी खिसक रही है. जब दो या दो से अधिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, या फिर प्लेटों के बीच घर्षण होता है, तो इससे उस क्षेत्र में तनाव पैदा होने लगता है. इस वजह से भूकंप आता है.

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): पिथौरागढ़ जिले में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हालांकि भूकंप की तीव्रता बहुत ज्यादा नहीं थी. सुबह करीब 6 बजकर 35 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 2.2 थी. भूकंप का नेपाल बॉर्डर था. पिथौरागढ़ भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन पांच में आता है. इस अति दुर्गम पहाड़ी जिले में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं.

जुलाई में भी आए थे भूकंप के झटके: इससे पहले पिछले महीने 23 जुलाई को भी पिथौरागढ़ में भूकंप आया था. तब भूकंप की तीव्रता 3.2 थी. इसी साल फरवरी में भी पिथौरागढ़ की धरती भूकंप से हिली थी. 22 फरवरी की रात 1:45 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.0 मापी गई थी. तब भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आये थे. दरअसल चीन और नेपाल बॉर्डर पर स्थित पिथौरागढ़ जिला भूकंप की दृष्टि से जोन फाइव में आता है. इस कारण भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड राज्य बेहद संवेदनशील माना जाता है.

उत्तराखंड के ये जिले हैं संवेदनशील: उत्तराखंड के चार पहाड़ी जिले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं. इन चार जिलों में पिथौरागढ़ के साथ पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली और रुद्रप्रयाग आते हैं. इसके साथ ही पांच अन्य पहाड़ी जिले जिनमें अल्मोड़ा, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी शामिल हैं, ये जोन IV और V दोनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र हैं. चमोली और उत्तरकाशी में पहले भी भयंकर भूकंप आ चुके हैं.

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वैज्ञानिकों ने बताया क्यों आता है भूकंप: भूकंप का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालयन रीजन में इंडियन प्लेट 40 से 50 मिलीमीटर सालाना गति कर रही है यानी खिसक रही है. जब दो या दो से अधिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, या फिर प्लेटों के बीच घर्षण होता है, तो इससे उस क्षेत्र में तनाव पैदा होने लगता है. इस वजह से भूकंप आता है.

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