ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश में मंगलवार की सुबह 4.30 बजे भूकंप (north west arunachal earthquake) के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई. भूकंप का केंद्र अरुणाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिम इलाके बसर में (earthquake basar arunachal pradesh) स्थित था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology -NCS) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. फिलहाल किसी तरह के जानमाल का नुकसान होने की सूचना नहीं है.
भूकंप को सीस्मोग्राफ से मापा जाता है. भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है अथवा संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है. 3 रिक्टर की तीव्रता से आने वाला भूकंप सामान्य होता है जबकि 7 रिक्टर से आने वाला भूकंप गंभीर क्षति पहुंचाने वाला होता है. भूकंप न सिर्फ जान-माल की हानि का कारण बनता है, बल्कि इससे भवन, सड़क के अलावा बांध और पुल आदि को भारी नुकसान होता है.
क्यों आता है भूकंप
भूगर्भ मामलों के जानकार और वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार रूहेला के मुताबिक जब दो या दो से अधिक प्लेटें टकराती हैं या फिर प्लेटों के बीच घर्षण होता है तो उससे उस क्षेत्र में तनाव पैदा है. जिस वजह से भूकंप आता है. साथ ही बताया कि जो भूकंप हिमालय क्षेत्रों में आते हैं उसे टेक्टॉनिक भूकंप कहते हैं. सामान्यत हिमालय क्षेत्रों में जो भूकंप आते हैं, उसका केंद्र बिंदु जमीन की सतह से 10 से 20 किलोमीटर नीचे होता है.
भूकंप आने पर ऐसे करें बचाव
- भूकंपरोधी मकान का निर्माण करवाएं.
- आपदा किट बनाएं जिसमें रेडियो, मोबाइल, जरूरी कागजाजत, टार्च, माचिस, चप्पल, मोमबत्ती, कुछ पैसे और जरूरी दवाएं हों.
- भूकंप आने पर बिजली और गैस बंद कर दें.
- भूकंप अपने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें.
- भूकंप आने पर खुले स्थान पर जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें.
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अरुणाचल के अलावा हिमाचल प्रदेश में भी साल 2021 में भूकंप की दर्जनों घटनाएं देखी गई थी. हिमाचल चौथे और पांचवें सिस्मिक जोन में (Himachal in 4th and 5th seismic zone) आता है. भूकंप (Earthquake) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में साल 2021 में 53 छोटे-बड़े भूकंप आए थे. अक्टूबर-नवंबर महीने में छह बार भूकंप आया था. 2006 से 2016 तक 10 साल की अवधि में पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में कुल 75 भूकंप आए थे.