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सांप्रदायिक तनाव के बीच बांग्लादेश में दुर्गापूजा का त्योहार संपन्न, एक और श्रद्धालु मृत पाया गया - बांग्लादेश में दुर्गापूजा का त्योहार

बांग्लादेश में दुर्गापूजा का त्योहार संपन्न हो गया, जबकि सांप्रदायिक अशांति एवं हिंसा के बीच एक और हिंदू श्रद्धालु मृत पाया गया.

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Published : Oct 16, 2021, 9:05 PM IST

ढाका : दुर्गापूजा त्योहार के दौरान कथित ईशनिंदा को लेकर अज्ञात मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मंदिरों में तोड़फोड़ की और हिंसा फैलाई जिस कारण आधा दर्जन से अधिक जिलों में अर्द्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.

अधिकारियों ने रात के दौरान पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी, जबकि अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दुर्गापूजा त्योहार के दौरान हिंसा के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. अर्द्धसैनिक बल बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने 64 प्रशासनिक जिलों में से 34 जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी है.

प्रतिष्ठित अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने कहा कि पिछले तीन दिनों के दौरान हुई हिंसा के कुछ षड्यंत्रकारियों को वह गिरफ्तार कर सकती है.

गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने संवाददाताओं से कहा कि हमें जांच में अगले एक-दो दिनों में प्रगति की उम्मीद है. इस बीच पुलिस ने कहा कि उन्होंने नोआखाली के बेगमगंज में एक मंदिर के नजदीक तालाब से एक शव बरामद किया है. हिंदू समुदाय के एक नेता के अनुसार मृत व्यक्ति शुक्रवार को कट्टरपंथियों के हमले का शिकार बना.

चांदपुर के हाजीगंज उपजिले में बुधवार और बृहस्पतिवार को मुस्लिम कट्टरपंथियों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य व्यक्ति घायल हो गए. इसके बाद सरकार ने देश भर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया.

एक और व्यक्ति का शव पाए जाने के साथ ही देश भर में दुर्गापूजा त्योहार के दौरान मरने वालों की संख्या पांच हो गई है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बृहस्पतिवार को हिंसा के दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसने का वादा करते हुए कहा था कि हिंदू मंदिरों और कोमिला में दुर्गापूजा स्थलों पर हमले में संलिप्त किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.

चांदपुर से लगते और ढाका से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित कोमिला में दुर्गापूजा पंडाल में ईशनिंदा की कथित घटना के बाद हिंसा भड़क उठी थी,जिसके बाद जांच शुरू की गई.

इसे भी पढ़ें : क्या बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं अल्पसंख्यक हिंदू ?

(पीटीआई-भाषा)

ढाका : दुर्गापूजा त्योहार के दौरान कथित ईशनिंदा को लेकर अज्ञात मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मंदिरों में तोड़फोड़ की और हिंसा फैलाई जिस कारण आधा दर्जन से अधिक जिलों में अर्द्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.

अधिकारियों ने रात के दौरान पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी, जबकि अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दुर्गापूजा त्योहार के दौरान हिंसा के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. अर्द्धसैनिक बल बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने 64 प्रशासनिक जिलों में से 34 जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी है.

प्रतिष्ठित अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने कहा कि पिछले तीन दिनों के दौरान हुई हिंसा के कुछ षड्यंत्रकारियों को वह गिरफ्तार कर सकती है.

गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने संवाददाताओं से कहा कि हमें जांच में अगले एक-दो दिनों में प्रगति की उम्मीद है. इस बीच पुलिस ने कहा कि उन्होंने नोआखाली के बेगमगंज में एक मंदिर के नजदीक तालाब से एक शव बरामद किया है. हिंदू समुदाय के एक नेता के अनुसार मृत व्यक्ति शुक्रवार को कट्टरपंथियों के हमले का शिकार बना.

चांदपुर के हाजीगंज उपजिले में बुधवार और बृहस्पतिवार को मुस्लिम कट्टरपंथियों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य व्यक्ति घायल हो गए. इसके बाद सरकार ने देश भर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया.

एक और व्यक्ति का शव पाए जाने के साथ ही देश भर में दुर्गापूजा त्योहार के दौरान मरने वालों की संख्या पांच हो गई है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बृहस्पतिवार को हिंसा के दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसने का वादा करते हुए कहा था कि हिंदू मंदिरों और कोमिला में दुर्गापूजा स्थलों पर हमले में संलिप्त किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.

चांदपुर से लगते और ढाका से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित कोमिला में दुर्गापूजा पंडाल में ईशनिंदा की कथित घटना के बाद हिंसा भड़क उठी थी,जिसके बाद जांच शुरू की गई.

इसे भी पढ़ें : क्या बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं अल्पसंख्यक हिंदू ?

(पीटीआई-भाषा)

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