नई दिल्ली: ज्ञानवापी मंदिर में मिले शिवलिंग को लेकर किये विवादित पोस्ट के मामले में साइबर पुलिस थाना ने डीयू के प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार रात को छात्रों ने साइबर पुलिस स्टेशन वे बाहर हंगामा किया और प्रोफेसर को बेकसूर बताते हुए उन्हें छोड़ने की मांग की. पुलिस आज प्रोफेसर को अदालत के समक्ष पेश करेगी.
जानकारी के अनुसार हाल ही में वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया गया था जिसमें शिवलिंग मिलने की बात सामने आई है. इसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में इतिहास पढ़ाने वाले प्रोफेसर डॉ. रतन लाल ने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिसके खिलाफ दिनेश कुमार कठेरिया नामक शख्स ने शिकायत दी थी. उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस पूरे मामले की छानबीन साइबर पुलिस थाने के द्वारा की जा रही थी.
इस मामले में साइबर पुलिस स्टेशन में प्राथमिक छानबीन करने के बाद प्रोफेसर रतन लाल को पूछताछ के लिए बुलाया था. मौरिस नगर स्थित साइबर पुलिस स्टेशन में पूछताछ करने के बाद पुलिस टीम ने शुक्रवार देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी की जानकारी जैसे ही छात्रों को मिली वह साइबर पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्रित होने लगे. रात के समय उन्होंने इस गिरफ्तारी का विरोध किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने छात्रों को समझा कर शांत करवाया. पुलिस का कहना है कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर आज अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
वहीं इस मामले में भाजपा नेता जसप्रीत सिंह माटा ने भी डीयू के वाइस चांसलर, हिंदू कॉलेज के प्रिंसिपल, भारत के राष्ट्रपति, एचआरडी मिनिस्ट्री व यूजीसी में अपनी शिकायत देखकर तत्काल प्रभाव से आरोपी प्रोफेसर रतन लाल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने की मांग की है.
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