इंदौर। नारकोटिक्स विंग ने गुरूवार को होशंगाबाद के होटल में दबिश देकर लगभग 100 करोड़ रुपए की 21 किलो हेरोइन बरामद की थी. इसके साथ नाइजीरियन युवक युवतियों को भी पकड़ा था. जिनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हेरोइन की यह खेप जिम्बॉब्वे से लाई गई थी. आरोपियों से पूछताछ अभी जारी है पुलिस को इसमें किसी इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट के जुड़े होने की आशंका है.
3 महिलाओं की हुई गिरफ्तारी: आरोपियों ने बताया कि वे प्लेन के रास्ते इस ड्रग्स को जिम्बाब्वे से भारत लाये थे. ड्रग्स को ट्रेन के रास्ते बेंगलुरु से दिल्ली के ले जा रहे थे. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश के इटारसी में रुकने का प्लान किया था. इसी दौरान एनसीबी इंदौर की टीम ने उन्हें इटारसी के जयस्तंभ चौक स्थित होटल सूर्या में इन्हें ड्रग्स के साथ दबोच लिया. जब्त किए गए मादक पदार्थ को ट्रॉली बैग में छिपाकर रखा गया था. पुलिस ने बताया कि जब्त की गयी हेरोईन का स्रोत जिम्बाब्वे था और इसे दिल्ली में डिलिवर किया जाना था. मामले में एनसीबी की प्रक्रिया अभी जारी है.
2 युवक भी गिरफ्तार: पुलिस ने गुरूवार को इटारसी के जय स्तंभ चौक के पास एक होटल में छापा मारा था. जहां उसे बड़ी मात्रा में नशे की खेप मिली. इसमें एमडी ड्रग्स और ब्राउन शुगर बरामद हुआ था जिसे बाहर सप्लाई किया जाना था. होटल से पुलिस को तीन नाइजिरीयन लड़कियां भी मिलीं. इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को भी हिरासत में लिया है. इन लोगों से पूछताछ की जा रही है.
कार्रवाई से पुलिस को दूर रखा गया: ड्रग्स बरामद करने और लड़के लड़कियों को पकड़ने के बाद नारकोटिक्स विभाग की टीम इटारसी थाने लेकर पहुंची. खास बात यह रही कि इस पूरी कार्रवाई से पुलिस को दूर रखा गया, हालांकि गिरफ्तार युवक युवतियों से पुलिस और नारकोटिक्स के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.
इस तरह से तैयारी होती है हेरोइन: हेरोइन अफीम से तैयार की जाती है. यह एक सेमी सिंथेटिक प्रोडक्ट है जो अफीम पोस्ता (पापावर सोम्निफरम) में पाए जाने वाले मॉर्फिन एल्कालोइड से प्राप्त होती है. यह मॉर्फिन की तुलना में लगभग 2 से 3 गुना अधिक शक्तिशाली ड्रग्स होती है.
- भारत दो सबसे बड़े हेरोइन उत्पादक बेल्टों के बीच स्थित है, जिन्हें पहले गोल्डन क्रिसेंट और गोल्डन ट्रायंगल के नाम से जाना जाता था. शुरुआत में भारत में जब्त की गई हेरोइन का बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान और म्यांमार से आता था, लेकिन अब भारतीय सीमाओं की कड़ी सुरक्षा के कारण और भारतीय ड्रग कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सतर्कता के कारण तस्कर अफ्रीकी या अन्य देशों के माध्यम से अवैध हेरोइन की खेप भारत भेजने की कोशिश करते हैं.
- नारकोटिक्स विंग इंदौर के डायरेक्टर बृजेश चौधरी के मुताबिक इस पूरे मामले में पकड़े गए आरोपियो से काफी बारीकी से पूछताछ की जा रही है. अभी नारकोटिक्स विभाग ने इस पूरे मामले में किसी तरह का कोई खुलासा नहीं किया है. सिर्फ ड्रग्स कहां से आई इसका सोर्स डिस्क्लोज किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में नारकोटिक्स विंग कोई बड़ा खुलासा कर सकती है.