श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह (Director General of Jammu and Kashmir Police Dilbag Singh) ने शुक्रवार को कहा कि सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है और पाकिस्तान इसका इस्तेमाल कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर रहा है. उन्होंने हालांकि कहा कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में कमी आई है.
सिंह ने कुपवाड़ा में संवाददाताओं से कहा, 'मादक पदार्थों की तस्करी पहले से बढ़ी है. पाकिस्तान इस तस्करी का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर रहा है. लोगों को इससे दृढ़ता से मुकाबला करना होगा क्योंकि कई युवा मादक पदार्थों के शिकार बन रहे हैं और ऐसे में, हमारा समाज भी नष्ट हो जाएगा. अगर मादक पदार्थों के कारण हमारा समाज बीमार हो जाता है तो फिर इसे कोई नहीं ठीक कर सकता.'
सिंह ने कहा कि समाज एक बड़ी कीमत चुका रहा है और लोगों को मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के प्रयास में सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बुजुर्ग, सामाजिक-धार्मिक नेता, धार्मिक उपदेशक इसके दुष्प्रभावों के बारे में युवाओं को जागरूक करें और उन्हें इससे दूर रखें. अगर कोई इस धंधे में शामिल है तो पुलिस का समर्थन करना चाहिए ताकि हम कड़ी कार्रवाई कर सकें.'
सिंह ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में कमी आई है और यह लगभग शून्य है. उन्होंने कहा, 'कुछ प्रयास हुए हैं लेकिन उन्हें नाकाम कर दिया गया. कुछ घुसपैठ के प्रयास सफल रहे. सीमा ग्रिड मजबूत है, इसे और मजबूत किया जाएगा.' उन्होंने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोगों को आतंकवाद से दूर रहने के लिए बधाई दी. सिंह ने कहा, 'हमने काफी समय तक जान-माल का भारी नुकसान झेला है और अब समय आ गया है कि शांति से नुकसान की भरपाई की जाए. इसलिए, मैं युवाओं से शांति के मार्ग पर चलने की अपील करता हूं.'
पिस्तौल से गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीमा पार से पिस्तौल लाना और उसे ले जाना आसान है. उन्होंने कहा, 'शहरी इलाकों में पिस्तौल से आतंकवाद आसान हो जाता है जब आप पिस्तौल छुपाकर किसी मासूम व्यक्ति पर गोली चला सकते हैं. श्रीनगर शहर में पिछले एक-दो साल में ऐसी घटनाएं हुई हैं जब पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था. ऐसी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुई हैं.'
सिंह ने कहा कि पुलिस ने बड़ी मात्रा में पिस्तौल के साथ-साथ एके 47 राइफल और गोला-बारूद जब्त किए है जो पाकिस्तान से आए थे. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा एके 47 राइफल के बदले पिस्तौल का उपयोग एक 'रणनीतिक बदलाव' है क्योंकि इसे छिपाना और इसका इस्तेमाल करना आसान है.
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