हैदराबाद: तेलंगाना के लगभग सभी क्षेत्रों में नशे के सौदागर अपने पांव पसारते नजर आ रहे हैं. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि अब तस्कर स्कूली छात्रों को जगह-जगह नशा सप्लाई करने के लिए पकड़ रहे हैं. साथ ही स्कूली बच्चे भी नशे के जाल में फंसते जा रहे हैं. हाल की पुलिस जांच और गिरफ़्तारियों से डरकर तस्कर नशीली दवाओं की सप्लाई के नए-नए तरीके तलाश रहे हैं. नशीली दवाओं की डिलीवरी के लिए मासूमों को बरगलाया जा रहा है. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि स्कूली छात्रों पर किसी को शक नहीं होता. इस इरादे से वे उन्हें इस धंधे में झोंक रहे हैं.
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ तब शहर के एक सरकारी स्कूल के 10वीं कक्षा का छात्र अपने दोस्तों को एक पैकेट दिखा रहा था. उसी दौरान एक शिक्षक की नजर उस पर पड़ी और शिक्षक ने उस बच्चे का वह पैकेट जब्त कर लिया. जब्त पैकेट को देख शिक्षक हैरान रह गए. क्योंकि उस पैकेट में गांजा था. शिक्षक ने इस बात की सूचना पुलिस को दे दी. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में लड़के से पूछताछ की. पूछताछ में मालूम चला कि लड़के की कॉलोनी का ही एक युवक उसे गांजा का पैकेट अपनी जेब में रखने को कहता था और जरूरत पड़ने पर ले लेता था.
वहीं, इधर सिकंदराबाद के एक अन्य स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाले 10 छात्रों को सिगरेट पीते देखा गया. शिक्षक ने बच्चों से आ रही गंध और उनके किताबों की और बैग की जांच की, तो उन्हें बच्चों के पास से मारिजुआना और कुछ नशीली गोलियां मिलीं. जिसके बाद शिक्षक ने स्कूल प्रबंधन को सूचित किया. हालांकि अभी इस मामले को गोपनीय रखा गया है. इधर, धूलपेट, मंगलहाट और पुराने शहर इलाके के कुछ युवा 1-2 किलो के हिसाब से गांजा खरीद नजर आए. बता दें, नशे का कारोबार करने वाले लोग शहर में ज्यादातर कॉलेजों और स्कूलों के बच्चों को अपना से स्फॉट टारगेट बना रखे हैं. महंगे गैजेट्स और मोबाईल फोन का लालच देकर बच्चों से ये तस्कर शहर में नशे का सप्लाई करवा रहे है.
इधर, शहर में युवाओं और दोस्तों के प्रभाव में बच्चे गांजा के आदी हो रहे हैं. या यूं कहे कि धीरे-धीरे बच्चे इसका गुलाम बनते जा रहे हैं. शहर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गांजा तस्कर बच्चों की कमजोरी का फायदा उठाकर उन्हें मुफ्त सामान देने का लालच देते थे. सीताफलमंडी, विद्यानगर, अलवाल, चंद्रायनगुट्टा, लकडिकापूल आदि रेलवे स्टेशनों और ओवरब्रिज के नीचे के क्षेत्रों का उपयोग नशा सप्लाई के लिए किया जा रहा है. हाल ही में एक स्वयंसेवी संस्था ने देश की कई कॉलोनियों में लगभग 1000 लड़के-लड़कियों से नशीली दवाओं के सेवन के बारे में जानकारी एकत्रित की.