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ये बढ़िया है! पीने वालों ने बनाया शराब उपभोक्ता संघ, एमआरपी से ज्यादा कीमत लेने के खिलाफ दर्ज करेंगे पीआईएल

वैसे तो देश दुनिया में कई तरह के संघ, यूनियन और फोरम हैं जो अलग अलग तबके के न्याय के लिए लड़ते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे संघ के बारे में बता रहे हैं जो शराब पीने वालों के हितों की रक्षा करेगा. इस संघ के बारे में ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए.

A group of men meet Palamu DM to form a union "liquor consumer forum" to protest the price hike of liquor
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Published : Jun 23, 2023, 9:45 PM IST

पलामूः आप सुनकर यह चौंक जाएंगे कि शराब पीने वाले लोगों ने मिलकर एक संघ बनाया है. यह संघ प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिकने वाले शराब का विरोध करेगा और मामले में कानूनी पहलुओं पर भी विचार करेगा. शराब पीने वाले लोगों ने इस संघ का नाम दिया है शराब उपभोक्ता संघ. इसके बारे में विस्तार से जानिए.

शराब उपभोक्ता संघ का गठन झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के इलाके में हुआ है. इस संघ में कई जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि और बड़े चेहरे शामिल हैं. शराब उपभोक्ता संघ के कार्यकारी सचिव गुड्डू पांडेय ने बताया कि मेदिनीनगर के निजी होटल में रविवार को संघ की बड़ी बैठक होगी, जिसमें कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. ये संघ प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिकने वाली शराब का विरोध करेगा, साथ ही साथ मामले में पीआईएल की भी योजना तैयार करेगा. इसके अलावा प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिकने वाली शराब का एक ब्यौरा तैयार करके, प्रवर्तन निदेशालय को इससे होने वाली अवैध कमाई की जानकारी संघ की ओर से दी जाएगी.

कैसे आया विचार और क्या है संघ की योजनाः दरअसल पलामू के इलाके में प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब बिक रही है. कई मौकों पर उत्पाद विभाग की कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है. एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचे जाने के मामले में पलामू में अब तक दो एफआईआर हो चुके हैं जबकि दो लोगों को गोली मारी गई है. पलामू में शराब की बोतल पर प्रिंट रेट से 20 से 50 अधिक कीमत पर बेची जा रही है. प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिक रहे शराब के कारण नाराज लोगों ने शराब उपभोक्ता संघ का गठन किया है. संघ के सदस्यों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि संघ में शामिल सभी लोग शराबी हैं, उनका एक नागरिक कर्तव्य भी है. शराब की दुकानों पर खड़े होने पर शराबी भी समझा जाता है. कई मौकों पर अपने करीबियों को देखने के बाद शराब खरीद रहे लोग शर्म से कुछ नहीं बोलते हैं. शराब का सेवन करने वाले लोग भी एक उपभोक्ता हैं, वे गलत कार्यों के खिलाफ संघ का गठन किया है, हर गलत कार्य का विरोध करना एक नागरिक का अधिकार भी है.

प्रतिदिन पलामू में बिकती है 30 लाख रुपये की शराबः पलामू में जिला उत्पाद विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 30 लाख रुपये के करीब शराब बिकती है. त्योहारों के दौरान यह आंकड़ा 50 लाख के करीब पहुंच जाता है. झारखंड उत्पाद विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 120 करोड़ रुपय से भी अधिक का शराब बेचने का लक्ष्य रखा है. 2012-13 में उत्पाद विभाग ने पलामू में सालाना 13 करोड़ रुपये की शराब बेचने का लक्ष्य रखा था. एक दशक में 13 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में पलामू के इलाके में लगभग 105 करोड़ की शराब की बिक्री हुई थी.

पलामूः आप सुनकर यह चौंक जाएंगे कि शराब पीने वाले लोगों ने मिलकर एक संघ बनाया है. यह संघ प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिकने वाले शराब का विरोध करेगा और मामले में कानूनी पहलुओं पर भी विचार करेगा. शराब पीने वाले लोगों ने इस संघ का नाम दिया है शराब उपभोक्ता संघ. इसके बारे में विस्तार से जानिए.

शराब उपभोक्ता संघ का गठन झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के इलाके में हुआ है. इस संघ में कई जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि और बड़े चेहरे शामिल हैं. शराब उपभोक्ता संघ के कार्यकारी सचिव गुड्डू पांडेय ने बताया कि मेदिनीनगर के निजी होटल में रविवार को संघ की बड़ी बैठक होगी, जिसमें कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. ये संघ प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिकने वाली शराब का विरोध करेगा, साथ ही साथ मामले में पीआईएल की भी योजना तैयार करेगा. इसके अलावा प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिकने वाली शराब का एक ब्यौरा तैयार करके, प्रवर्तन निदेशालय को इससे होने वाली अवैध कमाई की जानकारी संघ की ओर से दी जाएगी.

कैसे आया विचार और क्या है संघ की योजनाः दरअसल पलामू के इलाके में प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब बिक रही है. कई मौकों पर उत्पाद विभाग की कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है. एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचे जाने के मामले में पलामू में अब तक दो एफआईआर हो चुके हैं जबकि दो लोगों को गोली मारी गई है. पलामू में शराब की बोतल पर प्रिंट रेट से 20 से 50 अधिक कीमत पर बेची जा रही है. प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर बिक रहे शराब के कारण नाराज लोगों ने शराब उपभोक्ता संघ का गठन किया है. संघ के सदस्यों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि संघ में शामिल सभी लोग शराबी हैं, उनका एक नागरिक कर्तव्य भी है. शराब की दुकानों पर खड़े होने पर शराबी भी समझा जाता है. कई मौकों पर अपने करीबियों को देखने के बाद शराब खरीद रहे लोग शर्म से कुछ नहीं बोलते हैं. शराब का सेवन करने वाले लोग भी एक उपभोक्ता हैं, वे गलत कार्यों के खिलाफ संघ का गठन किया है, हर गलत कार्य का विरोध करना एक नागरिक का अधिकार भी है.

प्रतिदिन पलामू में बिकती है 30 लाख रुपये की शराबः पलामू में जिला उत्पाद विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 30 लाख रुपये के करीब शराब बिकती है. त्योहारों के दौरान यह आंकड़ा 50 लाख के करीब पहुंच जाता है. झारखंड उत्पाद विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 120 करोड़ रुपय से भी अधिक का शराब बेचने का लक्ष्य रखा है. 2012-13 में उत्पाद विभाग ने पलामू में सालाना 13 करोड़ रुपये की शराब बेचने का लक्ष्य रखा था. एक दशक में 13 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में पलामू के इलाके में लगभग 105 करोड़ की शराब की बिक्री हुई थी.

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