नई दिल्ली : भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना ने स्वदेश निर्मित एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण महाराष्ट्र के अहमदनगर में केके रेंज में मंगलवार को किया गया. जिसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई है. रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अर्जुन युद्धक टैंक से स्वदेश निर्मित एंटी टैंक मिसाइल को दागा गया था. जिसने पूरी सटीकता के साथ प्रहार किया और न्यूनतम दूरी लक्ष्य को आसानी से भेद दिया.
-
#DRDOUpdates | Indigenously developed Laser Guided ATGM was successfully tested today from MBT Arjun. Missile hit the bull’s eye with textbook precision. Trial has established the ATGMs capability to engage targets from min to max ranges. @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/bwZ25vyfMI
— DRDO (@DRDO_India) June 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#DRDOUpdates | Indigenously developed Laser Guided ATGM was successfully tested today from MBT Arjun. Missile hit the bull’s eye with textbook precision. Trial has established the ATGMs capability to engage targets from min to max ranges. @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/bwZ25vyfMI
— DRDO (@DRDO_India) June 28, 2022#DRDOUpdates | Indigenously developed Laser Guided ATGM was successfully tested today from MBT Arjun. Missile hit the bull’s eye with textbook precision. Trial has established the ATGMs capability to engage targets from min to max ranges. @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/bwZ25vyfMI
— DRDO (@DRDO_India) June 28, 2022
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह परीक्षण डीआरडीओ और भारतीय सेना ने मिलकर महाराष्ट्र के अहमदनगर में केके रेंज में किया.बताया जा रहा है कि इस परीक्षण में एटीजीएम ने बेहद ही सटीकता के साथ अपने निशाने को भेदने में सफलता पाई और खत्म कर दिया. जानकारी के अनुसार टेलीमेट्री सिस्टम ने एंटी टैंक मिसाइल के संतोषजनक उड़ान प्रदर्शन को रिकॉर्ड करने में अपना योगदान दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेश निर्मित एंटी टैंक मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए सेना और अनुसंधान एवं विकास संगठन को बधाई देते हुए कहा कि यह देश के लिए एक मील का पत्थर है, और इससे सेना की ताकत बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसलिए इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैं.
ये भी पढ़ें - भारत ने सफलतापूर्वक किया VL-SRSAM मिसाइल का परीक्षण