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सियाचीन, लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए DRDO ने बनाया हिम तपक डिवाइस - डिफेंस इंस्टीटियूट ऑफ फिजियोलॉजी और एलाइड

सियाचीन, लद्दाख और कश्मीर में सीमा पर कई इलाके ऐसे हैं जहां हर साल कंपा देने वाली ठंड पड़ती है. ठंड का कारण सेना को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन इलाकों में सेना को न सिर्फ दुश्मन बल्कि मौसम का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन अब DRDO ने इन इलाकों में तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए एक हीटिंग डिवाइस विकसित किया है, जो उच्चाईं वाले इलाकों में तैनात जवानों को बैक ब्लास्ट और कार्बन मोनोऑक्साइड निकलने वाले जहरीले पद्वार्थों से बचाएगा.

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Published : Jan 10, 2021, 3:15 PM IST

Updated : Jan 10, 2021, 5:02 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के लिए नए अंतरिक्ष ताप उपकरण (space heating device) 'हिम तपक' विकसित किया है.

डिफेंस इंस्टीटियूट ऑफ फिजियोलॉजी और एलाइड के निदेशक ने बताया कि यह डिवाइस सुनिश्चित करेगा कि बैक ब्लास्ट और कार्बन मोनोऑक्साइड निकलने वाले जहरीले पद्वार्थों के कारण जवानों की मौत न हो.

डॉ राजीव वार्ष्णेय का बयान

डिफेंस इंस्टीटियूट ऑफ फिजियोलॉजी और एलाइड के निदेशक डॉ राजीव वार्ष्णेय ने बताया कि भारतीय सेना ने इस उपकरण के निर्माताओं को 420 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं. उन्होंने बताया कि इन उपकरणों सेना और आईटीबीपी के कम तापमान वाले सभी इलाकों में तैनात किया जाएगा.

निदेशक डॉ राजीव वार्ष्णेय कहा DRDO द्वारा विकसित 'अलोकल क्रीम' जो अत्यधिक ठंड वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को शीतदंशम (frostbite), चिलब्लेन्स और अन्य ठंड में लगने वाली अन्य चोटों को रोकने में मदद करता है. हर साल भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में सैनिकों के लिए इस क्रीम के 3 से 3.5 लाख जार का ऑर्डर देती है.

पढ़ें - सैन्य अनुसंधान एवं विकास को ताकत देने के लिए भारत का 'सुपर 50 प्लान'

डीआरडीओ के वैज्ञानिक सतीश चौहान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में ठंड के तापमान में पीने के पानी की समस्याओं के समाधान के लिए हमने सियाचिन, खारदुंगला और तवांग क्षेत्रों में परीक्षणों के लिए सोलर स्नो मेल्टर प्रदान किया है.

नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के लिए नए अंतरिक्ष ताप उपकरण (space heating device) 'हिम तपक' विकसित किया है.

डिफेंस इंस्टीटियूट ऑफ फिजियोलॉजी और एलाइड के निदेशक ने बताया कि यह डिवाइस सुनिश्चित करेगा कि बैक ब्लास्ट और कार्बन मोनोऑक्साइड निकलने वाले जहरीले पद्वार्थों के कारण जवानों की मौत न हो.

डॉ राजीव वार्ष्णेय का बयान

डिफेंस इंस्टीटियूट ऑफ फिजियोलॉजी और एलाइड के निदेशक डॉ राजीव वार्ष्णेय ने बताया कि भारतीय सेना ने इस उपकरण के निर्माताओं को 420 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं. उन्होंने बताया कि इन उपकरणों सेना और आईटीबीपी के कम तापमान वाले सभी इलाकों में तैनात किया जाएगा.

निदेशक डॉ राजीव वार्ष्णेय कहा DRDO द्वारा विकसित 'अलोकल क्रीम' जो अत्यधिक ठंड वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को शीतदंशम (frostbite), चिलब्लेन्स और अन्य ठंड में लगने वाली अन्य चोटों को रोकने में मदद करता है. हर साल भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में सैनिकों के लिए इस क्रीम के 3 से 3.5 लाख जार का ऑर्डर देती है.

पढ़ें - सैन्य अनुसंधान एवं विकास को ताकत देने के लिए भारत का 'सुपर 50 प्लान'

डीआरडीओ के वैज्ञानिक सतीश चौहान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में ठंड के तापमान में पीने के पानी की समस्याओं के समाधान के लिए हमने सियाचिन, खारदुंगला और तवांग क्षेत्रों में परीक्षणों के लिए सोलर स्नो मेल्टर प्रदान किया है.

Last Updated : Jan 10, 2021, 5:02 PM IST
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