गुवाहाटी : असम के गुवाहाटी में एक्ट ईस्ट सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि असम ने भारत और अन्य देशों के बीच एक पुल का काम किया है. विदेशमंत्री ने कहा यह उल्लेखनीय है कि एक दशक के भीतर, भारत-जापान साझेदारी आज एशिया में, शायद दुनिया में, सबसे प्राकृतिक और करीबी के रूप में देखी जाती है और पिछले (जापान) पीएम शिंजो आबे को पद्म विभूषण से सम्मानित करना हमारी यात्रा का प्रतीक था.
उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी से राज्य के विकास पर फर्क पड़ सकता है.दोनों जापानी राजदूत और मैंने असम में कई परियोजनाओं की बात की और आने वाले वर्षों में उन्हें नए सिरे से देखने के लिए तत्पर हैं.
उन्होंने कहा, 'असम लंबे समय से पूर्व में भारत और विश्व के बीच पुल का काम किया है. नेशन स्टेट के उपनिवेशवाद और उसके बाद के उद्भव ने हमारे पूर्व में भारत ,असम और दुनिया के लिए सहज कनेक्शन को प्रभावी रूप से बाधित कर दिया था, लेकिन 2014 के बाद से यहां बदलाव आया है.
विदेशमंत्री ने कहा कि ईस्ट पॉलिसी के तहत हमारा उद्देश्य असम के भीतर कनेक्टिविटी फिर पूर्वोत्तर से म्यांमार और बांग्लादेश तक सड़क मार्ग, जलमार्ग और वायुमार्ग से माध्यम से जापान और वयतनाम तक कनेक्टिविटी बनाना है. यह केवल आर्थिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि असम अधिक कनेक्टिविटी , ऊर्जावान, योगदान और कार्यरत बनाएगी.
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को असम के गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर पहुंचे. उनके साथ हिमंत बिस्व शर्मा भी मौजूद रहे.
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बता दें कि इस सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा नेता अमित शाह ने असम का दौरा किया था. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 7 फरवरी को राज्य में विभिन्न विकास की परियोजनाओं को लॉन्च किया था.