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काेराेना से लड़ने में गाय के 'गाेबर थेरेपी' पर डॉक्टरों ने दी चेतावनी - dung therapy to boost immunity

काेराेना महामारी से लड़ने के लिए राेग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ाने में गाय के गाेबर थेरेपी काे लेकर गुजरात में डॉक्टरों ने चेतावनी दी है.

गोबर
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Published : May 12, 2021, 2:00 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात में डॉक्टरों ने 'गाय-गोबर चिकित्सा' काे लेकर चेतावनी दी है. उनका कहना है कि इससे कोरोना वायरस से लड़ने की ताकत नहीं मिलती. डॉक्टरों ने आगाह किया कि इससे ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) सहित अन्य संक्रमण हाेने का खतरा पैदा हो सकता है.

बता दें कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्यालय (SGVP) द्वारा चलाए जा रहे आश्रय का लाेग दाैरा कर रहे हैं जाे यह बताता है कि SGVP की गाेबर थेरेपी लेने से COVID-19 के खिलाफ राेग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ती है.

बता दें कि यहां 200 से अधिक गायें हैं. अपने शरीर पर गाय का गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करने के लिए पिछले एक महीने से लगभग 15 लोग हर रविवार को यहां आते हैं. SGVP के एक अधिकारी ने कहा कि यह थेरेपी लेने वालों में कुछ फ्रंटलाइन कर्मचारी और मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें : एमसीजीएम के अतिरिक्त आयुक्त ने कहा, हम तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार

वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर के निदेशक डॉ दिलीप मावलंकर ने कहा कि ऐसी काेई जानकारी मेरे पास नहीं जिससे यह पता चलता है कि यह थेरेपी वास्तव में वायरस से लड़ने में मदद करेगी. मैंने कभी भी किसी भी शोध में ऐसा नहीं देखा है.

अहमदाबाद : गुजरात में डॉक्टरों ने 'गाय-गोबर चिकित्सा' काे लेकर चेतावनी दी है. उनका कहना है कि इससे कोरोना वायरस से लड़ने की ताकत नहीं मिलती. डॉक्टरों ने आगाह किया कि इससे ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) सहित अन्य संक्रमण हाेने का खतरा पैदा हो सकता है.

बता दें कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्यालय (SGVP) द्वारा चलाए जा रहे आश्रय का लाेग दाैरा कर रहे हैं जाे यह बताता है कि SGVP की गाेबर थेरेपी लेने से COVID-19 के खिलाफ राेग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ती है.

बता दें कि यहां 200 से अधिक गायें हैं. अपने शरीर पर गाय का गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करने के लिए पिछले एक महीने से लगभग 15 लोग हर रविवार को यहां आते हैं. SGVP के एक अधिकारी ने कहा कि यह थेरेपी लेने वालों में कुछ फ्रंटलाइन कर्मचारी और मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं.

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वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर के निदेशक डॉ दिलीप मावलंकर ने कहा कि ऐसी काेई जानकारी मेरे पास नहीं जिससे यह पता चलता है कि यह थेरेपी वास्तव में वायरस से लड़ने में मदद करेगी. मैंने कभी भी किसी भी शोध में ऐसा नहीं देखा है.

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