नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव की एलोपैथिक डॉक्टरों और आधुनिक चिकित्सा के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (Federation of Resident Doctors' Association) ने मंगलवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया.
विवाद की शुरुआत विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर चल रहे एक वीडियो से हुई, जिसमें बाबा रामदेव को आधुनिक एलोपैथी को 'एक बेवकूफ और असफल विज्ञान' बताते हुए दिखाया गया था.
शनिवार को, फोर्डा इंडिया ने सूचित किया था कि वह योग गुरु रामदेव के कोरोना योद्धाओं और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ दिए गए बयानों के खिलाफ देशव्यापी काला दिवस (black day) विरोध प्रदर्शन करेगा. हालांकि इस दौरान रोगियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी.
एसोसिएशन ने पतंजलि के प्रमुख बाबा रामदेव (Baba Ramdev) से बिना शर्त सार्वजनिक माफी या महामारी रोग अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.
साथ ही डॉक्टर्स एसोसिएशन जम्मू (डीएजे) भी आधुनिक चिकित्सा पर रामदेव के 'गैर-जिम्मेदाराना बयानों' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
एक बयान में, डीएजे ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lt Governor Manoj Sinha) से रामदेव के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश देने की भी अपील की और कहा कि उन्हें अपने 'गैर-जिम्मेदार और घृणित सार्वजनिक बयानों' के परिणामों का सामना करना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच मरीजों को दी जा रही देखभाल में बाधा डाले बिना विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. विरोध प्रदर्शन के तहत डॉक्टर काली पट्टी बांधेंगे.
बुधवार को, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से रामदेव के खिलाफ देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत उचित कार्रवाई करने की अपील की थी, जो कथित तौर पर 'कोरोना टीकाकरण पर गलत सूचना फैला रहे थे.'
आईएमए ने योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ उनके कथित बयानों और वैज्ञानिक दवा को 'बदनाम' करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था.