श्रीनगर (उत्तराखंड): महाराष्ट्र नागपुर के रहने वाले 53 वर्षीय दिलीप भरत मलिक नागपुर से साइकिल में भारत भ्रमण पर निकले हैं. दिलीप गुरुवार को उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के श्रीनगर पहुंचे थे. अब वो भगवान बदरीनाथ के दर्शन करेंगे. बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुल रहे हैं. दिलीप का कहना है कि वे जहां भी रुकते हैं, वहां के लोगों को सैनिकों का सम्मान करने, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पेड़ लगाओ जैसे कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने कहा कि वो समाज को सही रास्ता दिखाने के लिए साइकिल यात्रा कर रहे हैं.
दिलीप बताते हैं कि उन्होंने अपनी यात्रा नागपुर से शुरू की. वहां से मुंबई, सूरत, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पठानकोट, जम्मू और कटरा होते हुए वैष्णो देवी के दर्शन किए. वहां से फिर कश्मीर, सोनमर्ग, कारगिल, लेह, उपसी, कुलू-मनाली फिर मंडी, विलासपुर, शिमला से होते हुए उत्तराखंड में दाखिल हुए हैं. अब वो श्रीनगर पहुंचे हैं, यहां से वो बदरीनाथ धाम दर्शन के लिए जाएंगे. उसके बाद कोलकाता के लिए निकल जाएंगे. दिलीप ने बताया कि जब से उन्होंने साइकिल यात्रा शुरू की, तब से लेकर अब तक वो करीब 15 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. उन्होंने 45 हजार 711 किलोमीटर यात्रा का लक्ष्य रखा है.
यात्रा के दौरान मां की मौत: दिलीप भारत मलिक ने बताया कि जब वो यात्रा कर रहे थे तो उनकी मां की मौत हो गयी लेकिन वे वापस नहीं लौटे. उनकी मां ही उन्हें साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित करती थी. दिलीप ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं. एक बेटी की शादी हो गई है. दो बेटे नौकरी करते हैं. वो भी उन्हें साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उन्होंने बताया कि वे हर दिन 50 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं. आज तक वे 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा साइकिल यात्रा कर चुके हैं.
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चमोली के जितेंद्र का मिला साथ: दिलीप को साइकिल यात्रा के दौरान हिमाचल मनाली में उत्तराखंड के चमोली जनपद के देवाल ब्लॉक निवासी जितेंद्र सिंह रावत (Jitendra Singh Rawat) का सहयोग मिला है. दिलीप से मिलकर जितेंद्र इतने प्रभावित हुए कि वे भी इस यात्रा पर निकल पड़े. जितेंद्र बताते हैं कि उन्हें साइकिल चलाने का शौक तो था लेकिन पहले कभी इतनी दूरी तक साइकिलिंग नहीं की थी. दिलीप को देखकर उनमें ऊर्जा का संचार हुआ और वो भी दिलीप के साथ यात्रा में शामिल हो गए.