अजमेर. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस अंग्रेजों से आजादी के लिए लड़ाई लड़ रही थी, तब आरएएस, हिंदू महासभा और वीर सावरकर का हिंदुत्व अग्रेजों का साथ दे रहे थे. ऐसा कहा जाता है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया था, लेकिन मुखर्जी कैबिनेट के सदस्य थे और अनुच्छेद 370 को लगाने में मुखर्जी ने भी समर्थन दिया था. इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.
बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह शुक्रवार को अजमेर में थे. सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सन् 1942 में महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया, तब श्यामा प्रसाद मुखर्जी मुस्लिम लीग के मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में मंत्री थे. उस समय मुखर्जी ने वायसराय को पत्र लिखा था कि कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन को सख्ती से दबाया जाए और कांग्रेस के लोगों को जेल भेजा जाए. यह भी एक ऐतिहासिक सत्य है.
केंद्र सरकार पर साधा निशाना : बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि बुलडोजर चलाना है तो महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चलाओ. उन्होंने कहा कि देश की जो आज समस्याएं हैं, उनसे ध्यान भटकाया जा रहा है. महंगाई, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, रुपए का अवमूल्यन हो रहा है. समाज में वैमनस्यता बढ़ती जा रही है और दंगे-फसाद हो रहे हैं जिससे अशांति फैल रही है. इसके बारे में पीएम मोदी कुछ नहीं बोलते. निर्दोष लोगों के घर जला दिए गए और उजड़ गए, यह धार्मिक उन्माद फैलाने वाले और नफरत फैलाने वाले कोई भी हों, उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए.
हमें देश की चिंता है : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि हमें देश की चिंता है. जिस तरह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, गरीब और गरीब होता जा रहा है, जबकि करोड़पति अरबपति बन रहा है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल के दौरान 10 से 15 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल आए थे लेकिन आज वही लोग फिर से वापस गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं. कांग्रेस को बीजेपी, आप और न ही किसी अन्य पार्टी से चिंता है, कांग्रेस को देश की चिंता है और सामाजिक समरसता की चिंता है.
उन्होंने कहा कि हम सत्ता के लिए तो हैं, क्योंकि हमें हमारा एजेंडा लागू करना है. हमारा एजेंडा गरीब, किसान और मजदूर के लिए है. वहीं, महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा पर चलने का भी है. जब जीडीपी बहुत कम हुआ करता था तब देश में गरीबों की संख्या बहुत थी. देश में अकाल पड़ता रहता था. उन सबसे उभरकर हम आगे निकले और आत्मनिर्भर बने. पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज आगे आई. आईआईटी, आईआईएम, रिसर्च साइंस जैसी संस्थाओं की वजह से देश में भारत का नाम हुआ. पूरे विश्व में पांचवें नंबर पर हमारे देश की अर्थव्यवस्था आ गई थी.
वहीं साल 2014 के बाद, जीडीपी नेगेटिव में चला गया. कोरोना बांग्लादेश में भी हुआ, लेकिन वहां कोरोना के बाद भी जीडीपी कम नहीं हुआ. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि कोरोना में जो रिलीफ पैकेज दिया गया वह गरीब को नहीं मिला, छोटे-मध्यम उद्योग को नहीं मिला. यह रिलीफ पैकेज बड़े उद्योगपतियों के कर्ज चुकाने में चला गया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सन् 1984 में 2 सीटों पर आ गई थी. हम घबराने वाले नहीं है.
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 का किया था समर्थन : उन्होंने कहा कि ये वही कांग्रेस पार्टी है, जिसने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ाई लड़ी है. जब कांग्रेस ब्रिटिश हुकूमत की जोर-जबरदस्ती और दंडें सह रही थी, तभी आरएसएस, मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा और वीर सावरकर का हिंदुत्व अंग्रेजों का साथ दे रहा था. उन्होंने कहा कि आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में कहा जाता है कि जब कश्मीर में अनुच्छेद 370 लगाई गई थी तो उन्होंने उसका विरोध किया था, लेकिन यह सही नहीं है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि (Digvijay Singh on Article 370) जब अनुच्छेद 370 कैबिनेट में मंजूर की गई थी तब श्यामा प्रसाद मुखर्जी कैबिनेट के सदस्य थे और उन्होंने भी अनुच्छेद 370 का समर्थन किया था.