सरुपथार/कोलियाबोर/बटाद्रोबा : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने असम में चुनावी रैली को संबोधित किया. उन्होंने रैली के दौरान भाजपा पर जमकर निशाना साधा. सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया कि वह माफिया की तरह काम कर रही है और सिंडिकेट चला रही है.
कांग्रेस महासचिव ने चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की एकमात्र यही नीति है कि लोगों के बजाय कैसे पार्टी को फायदा पहुंचाया जाए. प्रियंका ने कहा, भाजपा असम में राजनीतिक दल नहीं है. (यह) माफिया गिरोह की तरह सुपारी, मछली, कोयला, जमीन का सिंडिकेट चला रही है.
कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और उनके एक शक्तिशाली मंत्री पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आरोप लगाया, इन दोनों का अपनी ही पार्टी में सम्मान नहीं होता है.
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चुनावी रैलियों में आपने जरूर देखा होगा कि जनसभाओं में वह इनमें से एक का नाम लेते हैं और अन्य समय पर दूसरे का नाम लेते हैं. उनके (राज्य के इन दोनों नेताओं के) रिमोट कंट्रोल दिल्ली में हैं.
कांग्रेस नेता ने असम के भाजपा नेतृत्व की तुलना महाकाव्य महाभारत के पात्र धृतराष्ट्र और शकुनी से की. हालांकि, उन्होंने भगवा पार्टी के उस नेता का नाम नहीं लिया. धृतराष्ट्र को एक दृष्टिहीन शासक के रूप में, जबकि शकुनी को राजनीतिक प्रपंच करने वाले के रूप में जाना जाता है.
कांग्रेस नेता ने कहा, असम सरकार में, एक शकुनी मामा जैसे नेता हैं और एक धृतराष्ट्र हैं. दोनों ने ही और भाजपा ने असम के लोगों के साथ छल किया है. प्रियंका ने आरोप लगाया, कभी जातीय नायक (जनता के नेता) कहलाने वाले धृतराष्ट्र ने छह जातीय समुदायों के साथ छल किया, जिन्हें उन्होंने अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय में शामिल कराने का वादा किया था.
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उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य नेता शकुनी मामा हैं, जो एक भ्रष्ट सरकार चला रहे हैं और जिसने सिर्फ लोगों को ठगा ही है.
प्रियंका ने राज्य एवं केंद्र में सत्तारूढ़ दल पर अपना हमला जारी रखते हुए दावा किया, भाजपा यह फैसला नहीं कर पा रही है कि मुख्यमंत्री पद के लिए उसकी ओर से उम्मीदवार कौन होगा.
वह अपने ही (भाजपा के ही) मुख्यमंत्री का सम्मान नहीं कर पा रही है और नाम नहीं बता रही है. यदि पार्टी (भाजपा) में कोई स्थिरता या एकजुटता नहीं है, तो फिर वह असम में स्थिरता कैसे ला पाएगी और लोगों को स्थिर सरकार वह कैसे दे सकती है?
उन्होंने असम का अपमान करने का कांग्रेस पर आरोप लगाने और राज्य में पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्रियों की क्षमता पर सवाल उठाने को लेकर प्रधानमंत्री की भी आलोचना की.
प्रियंका ने सवाल किया, उनका आशय किस मुख्यमंत्री से था. क्या वह दिवंगत तरुण गोगोई हैं, जिन्होंने राज्य के विकास के लिए अथक कार्य किया, युवाओं को रोजगार दिया, नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत और पंचायतों में 50 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण लागू किया, सड़क संपर्क बेहतर बनाया, राज्य को आर्थिक प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाया, असम की संस्कृति और धरोहर की रक्षा की.
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संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के विरोध में असम में हुए आंदोलन का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने राज्य की भाजपा सरकार पर लोगों से छल करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, जैसे ही भाजपा केंद्र की सत्ता में लौटी, सीएए को कानून में तब्दील कर दिया. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस कार्रवाई की अनुमति दी गई और पांच युवकों कों जान गंवानी पड़ी.
प्रियंका ने लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की, ताकि वह उन्हें किये गये पांच वादों (पांच गारंटी) को लागू कर सके. कांग्रेस नेता प्रियंका पूर्वोत्तर के इस राज्य में पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रही थीं.
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत राजग का मुकाबला करने के लिए एक महागठबंधन बनाया है। कांग्रेस राज्य में 2001 से 15 साल सत्ता में रही थी.
राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च से तीन चरणों में मतदान होना है. दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को, जबकि तीसरे चरण का मतदान छह अप्रैल को होगा.