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पढ़ने-पढ़ाने के कार्यक्रम में धर्मेंद्र प्रधान को क्यों याद आए अमिताभ बच्चन और काचा बादाम ? - धर्मेंद्र प्रधान को क्यों याद आए अमिताभ बच्चन और काचा बादाम

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हिमाचल प्रदेश के NIT हमीरपुर (NIT Hamirpur Himachal) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. बात शिक्षा की हो रही थी लेकिन इसी बीच धर्मेंद्र प्रधान को अमिताभ बच्चन और काचा बादाम की याद आ गई. आखिर क्या है पूरा माजरा ? जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर

धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान
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Published : Jun 22, 2022, 12:52 PM IST

हमीरपुर: NIT हमीरपुर में ई-क्लास रूम के उद्घाटन (NIT Hamirpur Himachal) के मौके पर पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मौजूदा दौर में शिक्षा और तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि आज इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा के प्रचार प्रसार किया जा सकता है. एनआईटी में छात्रों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आधुनिक शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए आधुनिक उपकरणों और इंटरनेट के इस्तेमाल पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए अच्छे टीचर्स की (Dharmendra Pradhan in NIT Hamirpur) भी जरूरत है.

अमिताभ बच्चन जैसे टीचर चाहिए- अपने भाषण के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने (Dharmendra Pradhan on Amitabh Bachchan) अमिताभ बच्चन का उदाहरण देते हुए कहा कि विज्ञापन कई लोग करते हैं लेकिन जिस उत्पाद का विज्ञापन अमिताभ बच्चन करते हैं, उसकी खूब बिक्री होती है फिर चाहे वो गुटखे का विज्ञापन ही क्यों ना हो. इसलिये हमें ऐसे शिक्षक ढ़ूढने हैं जो बेहतर तरीके से छात्रों को समझा सकें. जो आधुनिक तकनीक के साथ छात्रों को रोचक तरीके से पढ़ा सके.

धर्मेंद्र प्रधान को याद आए अमिताभ बच्चन और काचा बादाम

धर्मेंद्र प्रधान को याद आया काचा बादाम- इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए काचा बादाम गीत का भी (dharmendra pradhan on kacha badam) जिक्र किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'काचा बादाम' गाना सबने सुना होगा लेकिन क्या उसका मतलब और भाषा के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते. दरअसल कुछ लोग क्या बेच रहे हैं ये मायने नहीं रखता बल्कि वो कैसे बेच रहे हैं इस पर ज्यादा ध्यान जाता है. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि मूंगफली को काचा बादाम कहा जाता है और ट्रेन में एक शख्स के मूंगफली बेचने का तरीका खूब वायरल हो गया. आज मोबाइल का इस्तेमाल हर तरह के इंटरटेनमेंट के लिए हो रहा है. तो मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल शिक्षा के लिए क्यों नहीं हो सकता.

शिक्षा के लिए 260 टीवी चैनल्स- शिक्षा मंत्री ने कोरोना काल को याद करते हुए कहा कि उस दौर में सभी ने ऑनलाइन पढ़ाई की लेकिन हमें अब इस माध्यम को और भी सशक्त बनाना होगा. इंटरनेट और मोबाइल जैसे आधुनिक माध्यमों से छात्रों को शिक्षित करने के लिए बेहतर शिक्षक भी होने चाहिए, जो इस तकनीक का अच्छे से इस्तेमाल कर सकें. इसी को ध्यान में रखते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने अमिताभ बच्चन और काचा बादाम (Dharmendra Pradhan remember Amitabh Bachchan and Kacha Badam) का उदाहरण दिया. गरीब छात्रों तक आधुनिक शिक्षा पहुंचाने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से शैक्षणिक चैनलों की संख्या 34 से 60 की जा रही है. आने वाले समय में ऐसे ही 200 नए टीवी और ई-चैनल का भी प्रस्ताव है. इस तरह कुल 260 चैनलों की एक दुनिया सिर्फ और सिर्फ छात्रों के लिए बनाई जाएगी, जिसमें हर भाषा में, हर कक्षा के छात्र के लिए शिक्षा पर आधारित चैनल होंगे.

ये भी पढ़ें: नड्डा के दूत जयराम को कर गए मजबूत, धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर के भाषण के क्या हैं सियासी मायने...

हमीरपुर: NIT हमीरपुर में ई-क्लास रूम के उद्घाटन (NIT Hamirpur Himachal) के मौके पर पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मौजूदा दौर में शिक्षा और तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि आज इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा के प्रचार प्रसार किया जा सकता है. एनआईटी में छात्रों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आधुनिक शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए आधुनिक उपकरणों और इंटरनेट के इस्तेमाल पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए अच्छे टीचर्स की (Dharmendra Pradhan in NIT Hamirpur) भी जरूरत है.

अमिताभ बच्चन जैसे टीचर चाहिए- अपने भाषण के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने (Dharmendra Pradhan on Amitabh Bachchan) अमिताभ बच्चन का उदाहरण देते हुए कहा कि विज्ञापन कई लोग करते हैं लेकिन जिस उत्पाद का विज्ञापन अमिताभ बच्चन करते हैं, उसकी खूब बिक्री होती है फिर चाहे वो गुटखे का विज्ञापन ही क्यों ना हो. इसलिये हमें ऐसे शिक्षक ढ़ूढने हैं जो बेहतर तरीके से छात्रों को समझा सकें. जो आधुनिक तकनीक के साथ छात्रों को रोचक तरीके से पढ़ा सके.

धर्मेंद्र प्रधान को याद आए अमिताभ बच्चन और काचा बादाम

धर्मेंद्र प्रधान को याद आया काचा बादाम- इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए काचा बादाम गीत का भी (dharmendra pradhan on kacha badam) जिक्र किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'काचा बादाम' गाना सबने सुना होगा लेकिन क्या उसका मतलब और भाषा के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते. दरअसल कुछ लोग क्या बेच रहे हैं ये मायने नहीं रखता बल्कि वो कैसे बेच रहे हैं इस पर ज्यादा ध्यान जाता है. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि मूंगफली को काचा बादाम कहा जाता है और ट्रेन में एक शख्स के मूंगफली बेचने का तरीका खूब वायरल हो गया. आज मोबाइल का इस्तेमाल हर तरह के इंटरटेनमेंट के लिए हो रहा है. तो मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल शिक्षा के लिए क्यों नहीं हो सकता.

शिक्षा के लिए 260 टीवी चैनल्स- शिक्षा मंत्री ने कोरोना काल को याद करते हुए कहा कि उस दौर में सभी ने ऑनलाइन पढ़ाई की लेकिन हमें अब इस माध्यम को और भी सशक्त बनाना होगा. इंटरनेट और मोबाइल जैसे आधुनिक माध्यमों से छात्रों को शिक्षित करने के लिए बेहतर शिक्षक भी होने चाहिए, जो इस तकनीक का अच्छे से इस्तेमाल कर सकें. इसी को ध्यान में रखते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने अमिताभ बच्चन और काचा बादाम (Dharmendra Pradhan remember Amitabh Bachchan and Kacha Badam) का उदाहरण दिया. गरीब छात्रों तक आधुनिक शिक्षा पहुंचाने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से शैक्षणिक चैनलों की संख्या 34 से 60 की जा रही है. आने वाले समय में ऐसे ही 200 नए टीवी और ई-चैनल का भी प्रस्ताव है. इस तरह कुल 260 चैनलों की एक दुनिया सिर्फ और सिर्फ छात्रों के लिए बनाई जाएगी, जिसमें हर भाषा में, हर कक्षा के छात्र के लिए शिक्षा पर आधारित चैनल होंगे.

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