नई दिल्ली : डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने स्पाइस जेट विमान कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की है. डीजीसीए ने कहा कि स्पाइस जेट बार-बार नियमों की अनदेखी कर रहा है. यह भरोसेमंद सेवा देने में विफल रहा है. इसलिए कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया जाता है.
डीजीसीए ने कहा कि अगले आठ हफ्ते तक स्पाइस जेट को मात्र 50 प्रतिशत ही उड़ानें ऑपरेट करनीं होंगी. आपको बता दें कि हाल के दिनों में स्पाइस जेट में कई तकनीकी खामियों की शिकायतें आतीं रहीं हैं.डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा कि स्पाइसजेट कई पैमानों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर पाया. स्पॉट चेकिंग के दौरान खामियां पाईं गईं. एजेंसी ने कहा कि स्पाइस जेट के खिलाफ कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं कि ताकि सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा जारी रहे. आपको बता दें कि पिछले 20 दिनों के अंदर स्पाइस जेट के आठ विमानों में तकनीकी खामियां पाईं गईं.
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In view of findings of various spot checks, inspections & reply to show cause notice submitted by SpiceJet number of departures of SpiceJet is restricted to 50% of the number of departures approved under Summer Schedule 2022 for 8 weeks from the date of issue of this order: DGCA pic.twitter.com/nkeN4dVCBz
— ANI (@ANI) July 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 27, 2022
बहरहाल एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि उसे डीजीसीए का आदेश मिल गया है और वह इसका पालन करेगा. उसने कहा कि नियामक के आदेश की वजह से उसकी किसी भी उड़ान को रद्द नहीं किया जाएगा, क्योंकि एयरलाइन मौजूदा लीन ट्रैवल सीज़न (यात्रियों की संख्या कम होने) की वजह से सीमित संख्या में अपनी सेवा का संचालन कर रही है. डीजीसीए ने 11 मार्च को इस साल गर्मियों के लिए स्पाइसजेट की 4,192 साप्ताहिक घरेलू उड़ानों को मंजूरी दी थी. यह 29 अक्टूबर तक के लिए है.
नियामक के बुधवार के आदेश के तहत एयरलाइन अगले आठ हफ्तों के लिए 2096 उड़ानों से ज्यादा का संचालन नहीं कर सकती. उन्नीस जून से लेकर पांच जुलाई के बीच स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम आठ घटनाएं हुईं. इसके बाद छह जुलाई को डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया. विमानन नियामक ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी पर सीमित की जाती है.
डीजीसीए ने कहा कि अगर एयरलाइन इन आठ हफ्तों के दौरान 50 फीसदी से ज्यादा उड़ानों का संचालन करना चाहती है तो उसे यह दिखाना होगा कि उसके पास बढ़ी हुई क्षमता से उड़ानों का सुरक्षित रूप से संचालन करने के लिए पर्याप्त तकनीकी सहयोग और वित्तीय संसाधन हैं. नियामक ने कहा कि उसने पिछले साल सितंबर में एयरलाइन का वित्तीय ऑडिट किया था और पाया था कि वह पैसा आने के आधार पर कम कर रहा है तथा आपूर्तिकर्ता एवं वेंडर को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कुछ पूर्जों की कमी हो गई. उसने कहा कि एयरलाइन में आतंरिक सुरक्षा की स्थिति खराब है और रखरखाव भी पर्याप्त रूप से नहीं किया जा रहा है.
डीजीसीए ने बताया कि एयरलाइन ने कारण बताओ नोटिस का जवाब सोमवार को दिया था और इसकी उचित स्तर पर समीक्षा की गई और पाया गया कि कंपनी तकनीकी खामी आने की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय कर रही है. दो जुलाई को जबलपुर जा रही उड़ान के चालक दल के सदस्यों ने करीब 5,000 फुट की ऊंचाई पर कैबिन में धुआं देखा, जिसके बाद विमान दिल्ली लौट आया. पांच जुलाई को चीन के चोंगकिंग शहर जा रहा स्पाइसजेट का मालवाहक विमान मौसम रडार प्रणाली के काम न करने के कारण कोलकाता लौट आया. इसी दिन ईंधन संकेतक में खराबी के कारण स्पाइसजेट की दिल्ली-दुबई उड़ान को कराची की ओर मोड़ा गया जबकि स्पाइसजेट के क्यू 400 विमान को 23,000 फुट की ऊंचाई पर विंडशील्ड में दरार आने के बाद मुंबई हवाई अड्डे पर प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया.
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