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जगन्नाथ रथयात्रा : मंदिर में कोरोना नियमों का उल्लंघन, लगा जुर्माना

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Published : Jul 12, 2021, 7:39 PM IST

कोविड प्रतिबंधों के बावजूद कटक (ओडिशा) में प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्र के अवसर पर एक मंदिर में पूजा का आयोजन किया गया और बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए है. इस घटना को लेकर कटक नगर निगम के अधिकारियों ने मंदिर प्रबंधन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

जगन्नाथ रथयात्रा
जगन्नाथ रथयात्रा

कटक : ओडिशा के कटक में एक मंदिर प्रबंधन पर कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. शहर में कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के बावजूद रथयात्र के अवसर मंदिर के आसपास भक्तों की भीड़ जमा हो गई थी.

कोटक नगर निगम के अधिकारियों को जब शहर के इस जगन्नाथ मंदिर में भीड़ जमा होने की सूचना मिली तो वे मौके पहुंचे और मंदिर के प्रबंधकों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

मंदिर में कोरोना नियमों का उल्लंघन
मंदिर में कोरोना नियमों का उल्लंघन

कटक में कोविड का ग्राफ हमेशा चरम पर रहा है, इसके बावजूद सोमवार को प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्र के अवसर पर मंदिर के प्रबंधकों द्वारा परिसर में पूजा का आयोजन किया गया.

रथयात्रा में आम लोग नहीं हुए शामिल
बता दें कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा के दौरान कोविड-19 के नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया था और पुरी शहर में कर्फ्यू लगाया गया था. जिसके कारण रथयात्रा में आम लोग शामिल नहीं हो सके. मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक 'ग्रैंड रोड' सूनी पड़ी थी और केवल कुछ चुनिंदा पुजारी तथा पुलिसकर्मियों को ही उपस्थित रहने की अनुमति थी.

यह भी पढ़ें- पुरी में दूसरी बार बिना श्रद्धालुओं के रथ यात्रा की तैयारी, कर्फ्यू लागू

कोरोना महामारी के कारण रथयात्रा में केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को उत्सव में भाग लेने की अनुमति थी, जिनकी कोविड-19 जांच निगेटिव थी. सड़कों या घर की छतों पर एकत्र होने की भी मनाही थी.

इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी न जाकर टेलीविजन पर रथयात्रा देखी. राज्य सरकार ने देशभर के श्रद्धालुओं के लिए रथयात्रा के आयोजन का मुफ्त सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की थी.

कटक : ओडिशा के कटक में एक मंदिर प्रबंधन पर कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. शहर में कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के बावजूद रथयात्र के अवसर मंदिर के आसपास भक्तों की भीड़ जमा हो गई थी.

कोटक नगर निगम के अधिकारियों को जब शहर के इस जगन्नाथ मंदिर में भीड़ जमा होने की सूचना मिली तो वे मौके पहुंचे और मंदिर के प्रबंधकों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

मंदिर में कोरोना नियमों का उल्लंघन
मंदिर में कोरोना नियमों का उल्लंघन

कटक में कोविड का ग्राफ हमेशा चरम पर रहा है, इसके बावजूद सोमवार को प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्र के अवसर पर मंदिर के प्रबंधकों द्वारा परिसर में पूजा का आयोजन किया गया.

रथयात्रा में आम लोग नहीं हुए शामिल
बता दें कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा के दौरान कोविड-19 के नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया था और पुरी शहर में कर्फ्यू लगाया गया था. जिसके कारण रथयात्रा में आम लोग शामिल नहीं हो सके. मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक 'ग्रैंड रोड' सूनी पड़ी थी और केवल कुछ चुनिंदा पुजारी तथा पुलिसकर्मियों को ही उपस्थित रहने की अनुमति थी.

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कोरोना महामारी के कारण रथयात्रा में केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को उत्सव में भाग लेने की अनुमति थी, जिनकी कोविड-19 जांच निगेटिव थी. सड़कों या घर की छतों पर एकत्र होने की भी मनाही थी.

इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी न जाकर टेलीविजन पर रथयात्रा देखी. राज्य सरकार ने देशभर के श्रद्धालुओं के लिए रथयात्रा के आयोजन का मुफ्त सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की थी.

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