त्रिची: सबरीमाला मंदिर में शुक्रवार को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए कपाट खोल दिए गए हैं. इसके साथ ही दो महीने तक चलने वाले सालाना मंडलम-मकरविलक्कू तीर्थ यात्रा की शुरुआत हो गई है. 41 दिनों की ये तीर्थ यात्रा शुभ मलयालम माह वृश्चिकम के पहले दिन शुक्रवार से शुरू हुई. मंडल और मकरविलक्कू पूजा के लिए सबरीमाला में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सन्निथनम और दूसरे क्षेत्रों में 7,500 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में लगाया गया है.
एडीजीपी एम. आर. अजीत कुमार ने कहा कि पिछले साल से सबरीमाला में प्रवेश केवल ऑनलाइन बुकिंग के जरिए ही होता है. हमने ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है. ऑनलाइन बुकिंग में हम सिर्फ 5000 लोगों का ही रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. पिछले साल, हमारे पास एक दिन में 19 घंटों के लिए प्रतिदिन 90,000 बुकिंग की सीमा थी. इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगर बुकिंग पूरी हो तो 85,000 से 90,000 लोग दर्शन कर सकेंगे.
कार्तिगाई को भगवान अय्यप्पन के लिए सबसे शुभ महीना माना जाता है. भारी बारिश के बावजूद शुक्रवार को हजारों श्रद्धालु सबरीमाला मंदिर पहुंचे. हालांकि, ऑनलाइन बुकिंग करने वाले भक्तों को ही दर्शन की अनुमति दी गई. मंदिर के केयरटेकर ने बताया कि हमने पिछले सालों के विपरीत पहले से कई व्यवस्थाएं की हैं. प्राथमिक व्यवस्थाओं में से एक है वर्चुअल लाइन, जो अनिवार्य है. सन्निदानम में पांच स्पॉट बुकिंग हैं, पम्पा में भी इतनी ही बुकिंग हैं. इसके अलावा, पंडालम, चेंगन्नूर और एरुमेली जो मंदिर के पास हैं, वो भी स्पॉट बुकिंग के लिए खुल गए हैं.
मंदिर के खुलने की शुरुआत सकारात्मक रही. मंदिर में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई. तमिलनाडु में सबरीमाला की तीर्थ यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालु में गजब का उत्साह देखने को मिला. तमिनाडु के कार्तिक ने कहा कि ये मेरा पहली बार है और इसलिए मैं बहुत उत्साहित हूं. मैं व्रत, मंदिर की यात्रा और भगवान के दर्शन को लेकर उत्साहित हूं. मेरे दोस्त को नौ साल हो गए हैं.
तमिलनाडु के ही कीर्तिवासन ने कहा कि जब मैं पहली बार सबरीमाला गया तो मुझे कुछ भी एहसास नहीं हुआ, क्योंकि मैं बच्चा था. लेकिन दूसरी बार जब मैं 2014 में गया तो नेई अभिषेगम में अय्यप्पन को देखा और तब से मैं कभी नहीं रुका. 48 दिन का व्रत आसान नहीं है. ये काफी कठिन है. पहली बार आने वालों के लिए ये और भी कठिन होगा, लेकिन दूसरी बार उन्हें ये पसंद आएगा. एक बार जब आप अपने पहले तीन साल पूरे कर लेंगे, तो चौथे साल से ये आपके लिए एक आदर्श बन जाएगा.
यहां पर की गई व्यवस्थाओं के तहत श्रद्धालुओं को पंबा तक लाने के लिए केरल राज्य परिवहन निगम की तरफ से विशेष बसें संचालित की जा रही हैं. भीड़ बढ़ने की उम्मीद है. त्रावणकोर देवासवोम बोर्ड को इस सीजन में लगभग 75 लाख श्रद्धालुओं के मंदिर आने की उम्मीद है.