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22 अप्रैल से राशि बदल रहे देव गुरु बृहस्पति, किसी का चमकेगा भाग्य तो किसी की बढ़ेगी मुसीबत

22 अप्रैल से देव गुरु बृहस्पति राशि बदल रहे हैं. ऐसे में किसी का भाग्य चमकेगा तो किसी की मुसीबत बढ़ेगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Apr 20, 2023, 3:07 PM IST

वाराणसी: सनातन धर्म में ग्रहों के राशि परिवर्तन का व्यापक असर माना जाता है और जब बात देव गुरु बृहस्पति की हो तो निश्चित तौर पर उनके राशि परिवर्तन का प्रभाव सिर्फ राशियों पर नहीं बल्कि पूरे विश्व पर पड़ता है. देव गुरु बृहस्पति 22 अप्रैल से राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. बृहस्पति का राशि परिवर्तन मीन और मेष के बीच होगा जिसके बाद किसी की किस्मत खुलेगी तो किसी की मुसीबतें बढ़नी तय .हैं इतना ही नहीं देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन विश्व के साथ देश यानी भारत पर बहुत बड़ा असर डालने वाला है तो क्या होगा इस राशि परिवर्तन का असर और इसका प्रभाव जानिए.


इस बारे में ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि बृहस्पति ग्रह मीन से मेष राशि में शुक्रवार, 21 अप्रैल को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेंगे. अश्विनी नक्षत्र का प्रथम चरण होने से बृहस्पति ग्रह मेष राशि में रहेंगे, जो कि मंगलवार, 30 अप्रैल 2024 तक इसी राशि में रहेंगे. तत्पश्चात् बुधवार, 1 मई 2024 को कृत्तिका नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश करके वृषभ राशि में रहेंगे. बृहस्पति ग्रह सामान्यतः 12 माह तक एक राशि में रहते हैं. ग्रह के वक्री व मार्गी होने की स्थिति में इसकी अवधि में परिवर्तन हो जाता है. मेष राशि का बृहस्पति होना मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु, कुम्भ एवं मीन राशि वालों के शुभ फलदायी होगा जबकि वृषभ, कन्या, वृश्चिक तथा मकर राशि वालों के लिए संघर्षरत के साथ ही शुभता में कमी दर्शाते हैं.

ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि ग्रहों के योग के फलस्वरूप विश्व क्षितिज पर राजनैतिक उथल-पुथल के साथ ही अनेकानेक अप्रत्याशित घटनाओं का प्रभाव रहेगा. सूर्य, चंद्रमा, बुध, राहु-मेष राशि में, मंगल-मिथुन राशि में गुरु-मेष राशि में, शुक्र वृषभ राशि में शनि कुम्भ राशि में तथा केतु-तुला राशि में विराजमान रहेंगे. ग्रह योगों के फलस्वरूप विश्व क्षितिज पर अनेक घटनाएं घटित होंगी. प्राकृतिक दैविक आपदाएं, रेल-वायुयान व जल परिवहन तथा सड़क दुर्घटनाएं, मौसम में अजीबोगरीब परिवर्तन के साथ आंधी-तूफान वर्षा, चाह की आशंका रहेगी. कहीं- कहीं पर आगजनी से जन-धन के हानि को नकारा नहीं जा सकता. सत्ता पक्ष व विपक्ष में राजनैतिक दलों की आपसी खींचतान रहेगी. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनेगी. नए-नए आर्थिक व्यापारिक घोटाले व राजनैतिक उथल-पुथल भी देखने को मिलेगी.

वित्तीय अर्थव्यवस्था में, अनिश्चितता के साथ शेयर, मुद्रा वायदा व धातु एवं खाद्य वस्तुओं के बाजार में विशेष हलचल के साथ उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेंगी. देश- विदेश में सत्ता परिवर्तन, मंत्रिमंडल में परिवर्तन की स्थिति भी बनेगी. जनमानस में महंगाई एवं अन्य विशेष मुद्दों को लेकर जनाक्रोश भी रहेगा. सत्तापक्ष के समक्ष नए-नए मुद्दे खड़े होंगे. व्यक्ति विशेष की विशिष्ट सेवा से भी बचत होने का योग है. सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव की स्थिति उपस्थित होगी.

राशियों पर ये प्रभाव पड़ेगा

1. मेष- कार्यक्षमता का लाभ, व्यापारिक विस्तार, गलत फहमियां दूर होंगी, जनसंपर्क उपयोगी, घरेलू वातावरण सुखद सन्तान पक्ष से उत्कर्ष, संत समागम.

2. वृषभ- लाभ में बाधा, आरोग्य सुख में कमी, विचारित कार्य, अपूर्ण बौद्धिक क्षमता का ह्रास, मानसिक चिंता प्रभावी, पारिवारिक मतभेद.

3.मिथुन- योजना कार्यान्वित, आरोग्य सुख, यश मान प्रतिष्ठा में वृद्धि, सुसन्देश से प्रसन्नता, अध्ययन में रुचि, आय के नवीन स्रोत, धर्म अध्यात्म में आस्था.

4.कर्क - व्यवसाय में सफलता, महत्वपूर्ण उपलब्धि, नवयोजना को शुरुआत, परिवार में हर्ष, प्रेम-प्रसंगों में अनुकूलता, नौकरी में पदोन्नति, यात्रा सुखद.

5. सिंह- कार्य क्षमता में वृद्धि, नवीन योजना दृष्टिगत, स्व-निर्णय हितकर, विवाद का समापन, निजी इच्छा की पूर्ति, विलासिता में रूचि.

6. कन्या - कार्यों के प्रति उदासीनता, योजना अधूरी, सन्तान पक्ष से कष्ट होना.

7. तुला- कार्य योजना सफल, आय के नवीन स्रोत, श्रेष्ठजनों से सम्पर्क, धर्म-अध्यात्म में रुचि, राजनीतिक लाभ, सम्बन्धों में मधुरता, यात्रा का सुपरिणाम.

8. वृश्चिक- आरोग्य सुख में व्यवधान, धनागम का अभाव, आर्थिक कठिनाइयां प्रभावी होंगी, वाहन से कष्ट, वाद-विवाद संभव, आलस्य की अधिकता.

9.धनु - आशाएं फलीभूत, तनाव में कमी, शारीरिक कष्ट में कमी, नए वस्तु का सुयोग, आनन्द की अनुभूति, व्यक्तिगत समस्याएं हल, यात्रा सुखद.

10. मकर- व्यय की अधिकता, भौतिक सुख में कमी, कार्यों में उदासीनता, पारिवारिक उलझनें, आत्मबल में कमी, यात्रा से निराशा, प्रतिष्ठा पर आघात.

11.कुम्भ- भाग्योन्नति के नवीन आयाम, आरोग्य सुख, महत्त्वपूर्ण सफलता, परिवार में हर्ष, दाम्पत्य जीवन मधुर, मांगलिक कार्य सम्पन्न, यात्रा से मन प्रसन्न.

12. मीन- आरोग्य सुख की प्राप्ति, परिस्थितियों में सुधार, आकस्मिक लाभ, परिस्थितियों में सुधार, नौकरी में पदोन्नति, कर्ज की निवृत्ति.

ऐसे कीजिए गुरु ग्रह को प्रसन्न
ज्योतिषवि विमल जैन ने बताया कि बृहस्पति ग्रह के शुभ फल की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना के साथ ही बृहस्पतिदेव की भी आराधना करें. बृहस्पति मन्त्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः ' का जप करें. बृहस्पति स्तोत्र एवं कवच का पाठ करें. बृहस्पति यन्त्र धारण करें.

यह करें उपाय
बृहस्पतिग्रह का रत्न पीला पुखराज या उपरत्न पीला टोपाज दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में बृहस्पतिवार के दिन विधि-विधानपूर्वक धारण करें. नित्य प्रतिदिन अपने मस्तिष्क पर केसर का तिलक लगाएं. बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग का परिधान (वस्त्र) धारण करें.



बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग की वस्तुओं का दान करें, जैसे- पीला वस्त्र चने की दाल, धार्मिक ग्रन्थ, कांस्यपात्र, स्वर्ण दान, हल्दी, केसर, पीले रंग की मिठाई, पीला फूल, पीला फल आदि. दक्षिणा ब्राह्मण को दें. यथासम्भव गरीबों व असहायों की सेवा व सहायता अवश्य करें. भोजन शुद्ध, सात्विक व शाकाहार ग्रहण करें.

यह न करें
1.मद्य, मांस, मछली अंडा तथा नशीले पदार्थों के सेवन न करें.
2.चमड़े की वस्तुओं का प्रयोग न करें.
3.तेल, साबुन का प्रयोग न करें.



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वाराणसी: सनातन धर्म में ग्रहों के राशि परिवर्तन का व्यापक असर माना जाता है और जब बात देव गुरु बृहस्पति की हो तो निश्चित तौर पर उनके राशि परिवर्तन का प्रभाव सिर्फ राशियों पर नहीं बल्कि पूरे विश्व पर पड़ता है. देव गुरु बृहस्पति 22 अप्रैल से राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. बृहस्पति का राशि परिवर्तन मीन और मेष के बीच होगा जिसके बाद किसी की किस्मत खुलेगी तो किसी की मुसीबतें बढ़नी तय .हैं इतना ही नहीं देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन विश्व के साथ देश यानी भारत पर बहुत बड़ा असर डालने वाला है तो क्या होगा इस राशि परिवर्तन का असर और इसका प्रभाव जानिए.


इस बारे में ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि बृहस्पति ग्रह मीन से मेष राशि में शुक्रवार, 21 अप्रैल को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेंगे. अश्विनी नक्षत्र का प्रथम चरण होने से बृहस्पति ग्रह मेष राशि में रहेंगे, जो कि मंगलवार, 30 अप्रैल 2024 तक इसी राशि में रहेंगे. तत्पश्चात् बुधवार, 1 मई 2024 को कृत्तिका नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश करके वृषभ राशि में रहेंगे. बृहस्पति ग्रह सामान्यतः 12 माह तक एक राशि में रहते हैं. ग्रह के वक्री व मार्गी होने की स्थिति में इसकी अवधि में परिवर्तन हो जाता है. मेष राशि का बृहस्पति होना मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु, कुम्भ एवं मीन राशि वालों के शुभ फलदायी होगा जबकि वृषभ, कन्या, वृश्चिक तथा मकर राशि वालों के लिए संघर्षरत के साथ ही शुभता में कमी दर्शाते हैं.

ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि ग्रहों के योग के फलस्वरूप विश्व क्षितिज पर राजनैतिक उथल-पुथल के साथ ही अनेकानेक अप्रत्याशित घटनाओं का प्रभाव रहेगा. सूर्य, चंद्रमा, बुध, राहु-मेष राशि में, मंगल-मिथुन राशि में गुरु-मेष राशि में, शुक्र वृषभ राशि में शनि कुम्भ राशि में तथा केतु-तुला राशि में विराजमान रहेंगे. ग्रह योगों के फलस्वरूप विश्व क्षितिज पर अनेक घटनाएं घटित होंगी. प्राकृतिक दैविक आपदाएं, रेल-वायुयान व जल परिवहन तथा सड़क दुर्घटनाएं, मौसम में अजीबोगरीब परिवर्तन के साथ आंधी-तूफान वर्षा, चाह की आशंका रहेगी. कहीं- कहीं पर आगजनी से जन-धन के हानि को नकारा नहीं जा सकता. सत्ता पक्ष व विपक्ष में राजनैतिक दलों की आपसी खींचतान रहेगी. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनेगी. नए-नए आर्थिक व्यापारिक घोटाले व राजनैतिक उथल-पुथल भी देखने को मिलेगी.

वित्तीय अर्थव्यवस्था में, अनिश्चितता के साथ शेयर, मुद्रा वायदा व धातु एवं खाद्य वस्तुओं के बाजार में विशेष हलचल के साथ उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेंगी. देश- विदेश में सत्ता परिवर्तन, मंत्रिमंडल में परिवर्तन की स्थिति भी बनेगी. जनमानस में महंगाई एवं अन्य विशेष मुद्दों को लेकर जनाक्रोश भी रहेगा. सत्तापक्ष के समक्ष नए-नए मुद्दे खड़े होंगे. व्यक्ति विशेष की विशिष्ट सेवा से भी बचत होने का योग है. सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव की स्थिति उपस्थित होगी.

राशियों पर ये प्रभाव पड़ेगा

1. मेष- कार्यक्षमता का लाभ, व्यापारिक विस्तार, गलत फहमियां दूर होंगी, जनसंपर्क उपयोगी, घरेलू वातावरण सुखद सन्तान पक्ष से उत्कर्ष, संत समागम.

2. वृषभ- लाभ में बाधा, आरोग्य सुख में कमी, विचारित कार्य, अपूर्ण बौद्धिक क्षमता का ह्रास, मानसिक चिंता प्रभावी, पारिवारिक मतभेद.

3.मिथुन- योजना कार्यान्वित, आरोग्य सुख, यश मान प्रतिष्ठा में वृद्धि, सुसन्देश से प्रसन्नता, अध्ययन में रुचि, आय के नवीन स्रोत, धर्म अध्यात्म में आस्था.

4.कर्क - व्यवसाय में सफलता, महत्वपूर्ण उपलब्धि, नवयोजना को शुरुआत, परिवार में हर्ष, प्रेम-प्रसंगों में अनुकूलता, नौकरी में पदोन्नति, यात्रा सुखद.

5. सिंह- कार्य क्षमता में वृद्धि, नवीन योजना दृष्टिगत, स्व-निर्णय हितकर, विवाद का समापन, निजी इच्छा की पूर्ति, विलासिता में रूचि.

6. कन्या - कार्यों के प्रति उदासीनता, योजना अधूरी, सन्तान पक्ष से कष्ट होना.

7. तुला- कार्य योजना सफल, आय के नवीन स्रोत, श्रेष्ठजनों से सम्पर्क, धर्म-अध्यात्म में रुचि, राजनीतिक लाभ, सम्बन्धों में मधुरता, यात्रा का सुपरिणाम.

8. वृश्चिक- आरोग्य सुख में व्यवधान, धनागम का अभाव, आर्थिक कठिनाइयां प्रभावी होंगी, वाहन से कष्ट, वाद-विवाद संभव, आलस्य की अधिकता.

9.धनु - आशाएं फलीभूत, तनाव में कमी, शारीरिक कष्ट में कमी, नए वस्तु का सुयोग, आनन्द की अनुभूति, व्यक्तिगत समस्याएं हल, यात्रा सुखद.

10. मकर- व्यय की अधिकता, भौतिक सुख में कमी, कार्यों में उदासीनता, पारिवारिक उलझनें, आत्मबल में कमी, यात्रा से निराशा, प्रतिष्ठा पर आघात.

11.कुम्भ- भाग्योन्नति के नवीन आयाम, आरोग्य सुख, महत्त्वपूर्ण सफलता, परिवार में हर्ष, दाम्पत्य जीवन मधुर, मांगलिक कार्य सम्पन्न, यात्रा से मन प्रसन्न.

12. मीन- आरोग्य सुख की प्राप्ति, परिस्थितियों में सुधार, आकस्मिक लाभ, परिस्थितियों में सुधार, नौकरी में पदोन्नति, कर्ज की निवृत्ति.

ऐसे कीजिए गुरु ग्रह को प्रसन्न
ज्योतिषवि विमल जैन ने बताया कि बृहस्पति ग्रह के शुभ फल की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना के साथ ही बृहस्पतिदेव की भी आराधना करें. बृहस्पति मन्त्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः ' का जप करें. बृहस्पति स्तोत्र एवं कवच का पाठ करें. बृहस्पति यन्त्र धारण करें.

यह करें उपाय
बृहस्पतिग्रह का रत्न पीला पुखराज या उपरत्न पीला टोपाज दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में बृहस्पतिवार के दिन विधि-विधानपूर्वक धारण करें. नित्य प्रतिदिन अपने मस्तिष्क पर केसर का तिलक लगाएं. बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग का परिधान (वस्त्र) धारण करें.



बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग की वस्तुओं का दान करें, जैसे- पीला वस्त्र चने की दाल, धार्मिक ग्रन्थ, कांस्यपात्र, स्वर्ण दान, हल्दी, केसर, पीले रंग की मिठाई, पीला फूल, पीला फल आदि. दक्षिणा ब्राह्मण को दें. यथासम्भव गरीबों व असहायों की सेवा व सहायता अवश्य करें. भोजन शुद्ध, सात्विक व शाकाहार ग्रहण करें.

यह न करें
1.मद्य, मांस, मछली अंडा तथा नशीले पदार्थों के सेवन न करें.
2.चमड़े की वस्तुओं का प्रयोग न करें.
3.तेल, साबुन का प्रयोग न करें.



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