वाराणसी: देवा दी देव महादेव की नगर काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के बाद दरबार में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. बाबा विश्वनाथ की नगरी इन दिनों उत्सव की तैयारी में है. यहां 27 नवंबर को देव दिवाली के अवसर पर 11 लाख दीपकों से बाबा की नगरी को सजाने की तैयारी है. गंगा घाटों पर 11 लाख दीपक मिट्टी के दीयों और एक लाख दीपक गोबर से बने दीपक से जलाए जाएंगे. गंगा उस पार भी दीपकों का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. अंधेरा होने के साथ ही गंगा घाट पूरी तरह से दीयों की रोशनी से भर जाएंगा. इन सब के बीच वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को काशी विश्वनाथ मंदिर में भी कुछ अलग और अनूठा देखने को मिलेगा.
दरअसल, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में देव दीपावली के पावन पर्व पर विशेष तैयारी पिछले 2 सालों से की जा रही है. विश्वनाथ धाम के भव्य रूप बन जाने के बाद गंगा द्वारा के रास्ते को पूरी तरह से दीपक से सजाया जाता है. अकेले विश्वनाथ धाम पर ही 21 हजार दीपक की रोशनी से पूरा परिसर एक अलग ही आभा में नजर आता है और इस बार विशिष्ट रूप से दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु की तरफ से पूरे विश्वनाथ धाम को लगभग 8 टन फूलों से सजाने का काम किया जा रहा है.
इसके अलावा विश्वनाथ धाम के गंगा द्वारा वाले रास्ते पर विश्वनाथ धाम के निर्माण से लेकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर से जुड़ी तमाम जानकारियां भी लेजर और लाइट एंड साउंड शो के जरिए बताई जाएगी. इस लाइट एंड साउंड शो में औरंगजेब काल में किस तरह से मंदिरों का विध्वंस हुआ. अहिल्याबाई होल्कर ने किस तरह से मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया. किस तरह से राजा मानसिंह ने मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंदिर किया. यह सारी जानकारियां लेजर और लाइट एंड साउंड शो के जरिए श्रद्धालुओं की दी जाएंगी.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि इन सब के अतिरिक्त गंगा उसे पर विश्वनाथ धाम के ठीक सामने भव्य तरीके से आतिशबाजी का इंतजाम भी प्रशासन के स्तर पर किया गया है. लगभग आधे घंटे से ज्यादा एक से बढ़कर एक आतिशबाजी की जाएगी. जिसका लुप्त गंगा घाटों पर घूम रहे लोग भी ले सकेंगे. इसके अलावा गंगा द्वार पर दीपक सजाने से लेकर अन्य कार्यों के लिए भक्तों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि वह भी कार्तिक के महीने में दीपदान करके पुण्य के भागी बन सके.
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