संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, पूर्वी यूक्रेन के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है ( no safe corridor for Indians stranded in Sumi) और वह इसे लेकर बेहद चिंतित है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि एवं राजदूत टी एस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti, India's local representative and ambassador to the United Nations) ने सुरक्षा परिषद में कहा, भारत हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का लगातार आह्वान करता रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत ने सभी निर्दोष नागरिकों, भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए सुरक्षित तथा निर्बाध मार्ग की मांग की है. तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘हम बेहद चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद, सूमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया. उन्होंने कहा कि भारत अभी तक युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने में कामयाब रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा, हमने अन्य देशों के उन लोगों की भी उनके देश पहुंचने में मदद की, जिन्होंने इस संबंध में हमसे सम्पर्क किया था.
गौरतलब है कि सोमवार को रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस में तीसरे दौर की शांति वार्ता भी आयोजित हुए लेकिन बैठक बेनतीजा रही. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य मायखाइलो पोडोलीक ने कहा कि युद्धविराम और सुरक्षा गारंटी के साथ समझौते के मुख्य राजनीतिक ब्लॉक पर गहन परामर्श जारी है. वहीं, यूक्रेन में मानवीय गलियारों के लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए हल्की प्रगति हुई है.
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वहीं, रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी और रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा, राजनीतिक और सैन्य पहलुओं पर चर्चा जारी है. हालांकि, यह कठिन बना हुआ है. कुछ सकारात्मक के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी. मेडिंस्की ने बैठक के बाद कहा,हमें उम्मीद है कि अगली बार हम एक और महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे." बता दें कि बैठक करीब 3 घंटे तक चली.