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58 साल की उम्र, स्तन कैंसर, डायबिटीज की बीमारी, वेंटिलेटर पर रखा गया, फिर भी जीत ली कोविड से जंग

आणंद जिले में रहने वाली 58 वर्षीय जयाबेन को स्तन कैंसर और डायबिटीज है. इसके बाद वे कोरोना से संक्रमित हो गईं. उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया पर सकारात्मक सोच रखते हुए वे ठीक हो गई हैं.

जयाबेन
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Published : Apr 24, 2021, 8:37 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के आणंद जिले में 58 वर्षीय महिला ने 24 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद कोरोना वायरस से जंग जीत ली है.

जयाबेन स्तन कैंसर और मधुमेह से पीड़ित थी. कोरोना के हलके लक्षण होने पर उन्होंने अपनी आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया. टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

कोरोना से संक्रमित जयाबेन का ऑक्सीजन लेवल डायबिटीज की वजह से तेजी से नीचे तला गया था. इससे गंभीर स्थिति पैदा हो गई थी लेकिन उन्हें भरोसा था कि वह ठीक हो जाएगी. डॉक्टरों और बाकी मेडिकल स्टाफ ने भी उन्हें सकारात्मक सोचने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि, उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.

जयाबेन को 24 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था. इस दौरान उन्हें 45 से 50 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत थी.

पढ़ें :- लॉटरी विक्रेता ने पेश की मिसाल, 6 करोड़ की बंपर राशि वाला टिकट मालिक को सौंपा

यह उनका दृढ़ निश्चय ही था कि वह कोविड​​-19 से पूरी तरह से उबर जाएंगी. उनकी इसी सकारात्मक सोच ने उन्हें ठीक होने में मदद की और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से नहीं डरना है. अगर उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो वे घबराए नहीं. उन्होंने कहा कि लोगों को स्थिति का बहादुरी और दृढ़ता से सामना करना चाहिए. सकारात्मक सोच किसी भी तरह की बीमारी को ठीक कर सकती है. जयाबेन ने लोगों को मास्क पहनने और महामारी से खुद को बचाने के लिए कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.

अहमदाबाद : गुजरात के आणंद जिले में 58 वर्षीय महिला ने 24 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद कोरोना वायरस से जंग जीत ली है.

जयाबेन स्तन कैंसर और मधुमेह से पीड़ित थी. कोरोना के हलके लक्षण होने पर उन्होंने अपनी आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया. टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

कोरोना से संक्रमित जयाबेन का ऑक्सीजन लेवल डायबिटीज की वजह से तेजी से नीचे तला गया था. इससे गंभीर स्थिति पैदा हो गई थी लेकिन उन्हें भरोसा था कि वह ठीक हो जाएगी. डॉक्टरों और बाकी मेडिकल स्टाफ ने भी उन्हें सकारात्मक सोचने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि, उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.

जयाबेन को 24 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था. इस दौरान उन्हें 45 से 50 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत थी.

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यह उनका दृढ़ निश्चय ही था कि वह कोविड​​-19 से पूरी तरह से उबर जाएंगी. उनकी इसी सकारात्मक सोच ने उन्हें ठीक होने में मदद की और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से नहीं डरना है. अगर उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो वे घबराए नहीं. उन्होंने कहा कि लोगों को स्थिति का बहादुरी और दृढ़ता से सामना करना चाहिए. सकारात्मक सोच किसी भी तरह की बीमारी को ठीक कर सकती है. जयाबेन ने लोगों को मास्क पहनने और महामारी से खुद को बचाने के लिए कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.

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