कोरबा : बांस की लकड़ी से कई तरह के उपकरण और कलाकृतियां तैयार किए जाते हैं. बांस की लकड़ी से ही बांसुरी भी बनाई जाती है. जिसमें फूंक मारकर सुरीली धुन निकाली जाती है. लेकिन कोरबा जिले के स्वसहायता समूह की महिलाओं ने बांस का एक देसी जुगाड़ वाला स्पीकर तैयार किया (eco dolby system) है. जिसके लिए बांस के मोटे टुकड़े का इस्तेमाल किया गया है. गोलाकार टुकड़े को काटकर दोनों सिरे से खुला छोड़ा गया है. छोटी लकड़ियों का स्टैंड भी नीचे की तरफ फिट कर दिया गया है ताकि इसे एक जगह टिकाकर रखा जा सके. छोटे मोबाइल से लेकर टेबलेट के लिए भी इसी तरह के ईको डॉल्बी सिस्टम तैयार किए गए हैं. इसे बनाने में पूरी तरह से देसी जुगाड़ तकनीक का उपयोग किया गया है. इसे मोबाइल स्टैंड के साथ ही एक पोर्टेबल साउंड वाला स्पीकर कहा जा सकता है. (Korba C Mart)
कितनी है कीमत : बांस से बने ईको डॉल्बी सिस्टम की कीमत 160 रुपए से शुरू होता है. मोबाइल के अलग-अलग साइज के हिसाब से इसे तैयार किया गया है. सबसे अधिक कीमत वाले ईको डॉल्बी सिस्टम का दाम 250 रुपये तक है. जिसमें एक टेबलेट भी फिट हो जा सकता है. जिससे इसमें फिट किये गए डिवाइस का साउंड कुछ हद तक बढ़ जाता है.
क्या है डिवाइस की खूबी : ईको डॉल्बी सिस्टम बांस से निर्मित एक देसी जुगाड़ वाला डिवाइस है. जिसमें मोबाइल से निकलने वाले साउंड को बढ़ाने की खूबी है. जब आप अपने मोबाइल में कोई गाना प्ले कर ईको डॉल्बी में फिट करेंगे, तब इस डिवाइस की बनावट के कारण साउंड काफी हद तक बढ़ जाता है. यह कम से कम एक कमरे में सुनने लायक होता है. सबसे अच्छी बात है कि इसमें बिजली की भी कोई जरूरत नहीं पड़ती.
कहां है ईको डॉल्बी सिस्टम की डिमांड: ईको सिस्टम डिवाइस को सी मार्ट से खरीदा जा सकता है. C-mart में काम करने वाली महिला समूह की सदस्य निर्मला कहती हैं कि ''इस डिवाइस की डिमांड मार्केट में अच्छी खासी है. इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि मोबाइल को जब इसके अंदर रखा जाता है तो साउंड काफी हद तक बढ़ जाता है.''
वहीं सेल्स गर्ल शांति साहू के मुताबिक '' इसे लोग मोबाइल फोन रखने के स्टैंड की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इसलिए इसकी डिमांड अच्छी है. जितने भी ईको डॉल्बी डिवाइस हमारे पास बनकर आते हैं. सभी कुछ दिनों में ही बिक जाते हैं.''