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Delhi Assembly Session: हंगामेदार हुई सत्र की शुरुआत, LG के पत्र पर डिप्टी स्पीकर बोलीं- सत्र बुलाना विशेषाधिकार

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Published : Aug 16, 2023, 1:50 PM IST

दिल्ली विधानसभा विशेष सत्र की कार्यवाही बुधवार की सुबह 11 बजे सदन में शुरू होते ही हंगामा मच गया. बीजेपी विधायकों ने नियम विरुद्ध सदन का सत्र बुलाने का विरोध किया. डिप्टी स्पीकर राखी बिडलान ने सदन में हंगामा कर रहे विधायकों से कहा कि विधानसभा कोई राजनीति का अखाड़ा नहीं है. न ही हम इसे ऐसा होने देंगे.

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हंगामेदार हुई सत्र की शुरुआत

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र की बुधवार से शुरुआत हो गई है. सदन की कार्यवाही में पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा में हुई लोगों की मौत पर सदन में सदस्यों ने शोक प्रकट किया. उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी दल के सदस्यों ने विरोध किया. नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर के मसले पर सदन में चर्चा करना चाहती है. यह पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से जुड़े मसलों पर बहस कम होती है.

इस पर विधानसभा का संचालन कर रही डिप्टी स्पीकर राखी बिडला ने सदन में हंगामा कर रहे विधायकों से कहा कि विधानसभा कोई राजनीति का अखाड़ा नहीं है. न ही हम इसे ऐसा होने देंगे. भाजपा विधायकों की ओर इशारा करते हुए डिप्टी स्पीकर ने कहा कि वह सदन को शांतिपूर्ण चलने में सहयोग दें इसे राजनीति का अखाड़ा न बनाएं.

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही का संचालन कर रही डिप्टी स्पीकर राखी बिडलान ने सदन में बताया कि उपराज्यपाल ने गत 11 अगस्त को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई थी. उपराज्यपाल के पत्रों से अलग विधानसभा का कार्य, संचालन नियमों से होता है. यह विधानसभा स्पीकर का विशेषाधिकार है कि कब सत्र बुलाना है? उपराज्यपाल द्वारा लगाए गए आरोप को डिप्टी स्पीकर ने गंभीर कहा.

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को पता होना चाहिए कि जब तक नया सत्र बुलाने को लेकर कैबिनेट प्रस्ताव पारित नहीं करती, नया सत्र नहीं बुलाया जा सकता. एनसीटी अधिनियम में बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र जैसा कोई प्रावधान नहीं है. इस तरह से सत्र बुलाने का कोई नियम नहीं है. इस तरह सत्र बुलाने के कोई अनिवार्यता नहीं है. इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर कोई नियमों का उल्लंघन नहीं है.

बता दें कि संसद में पिछले दिनों दिल्ली सर्विस बिल पर संसद में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा के सत्र को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि दिल्ली की विधानसभा में तो नियमानुसार सत्र नहीं बुलाया जाता. यह देश की ऐसी विधानसभा है जहां सत्र को कभी खत्म नहीं किया जाता है. अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा था कि वर्ष 2020 में दिल्ली विधानसभा का एक ही सत्र बुलाया गया, जिसमें पांच बैठ हुई थी. वर्ष 2021 में भी एक ही बजट सत्र बुलाया गया जिसमें चार बैठकर हुई थी. वर्ष 2022 में एक ही बजट सत्र बुलाया गया और फिर 2023 में भी अभी तक एक ही सत्र बुलाया गया है.

ये भी पढ़ें : घोटाले और दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती केजरीवाल सरकार: रामवीर सिंह बिधूड़ी

ये भी पढ़ें : Delhi Assembly का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से, हंगामेदार शुरुआत के आसार

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र की बुधवार से शुरुआत हो गई है. सदन की कार्यवाही में पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा में हुई लोगों की मौत पर सदन में सदस्यों ने शोक प्रकट किया. उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी दल के सदस्यों ने विरोध किया. नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर के मसले पर सदन में चर्चा करना चाहती है. यह पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से जुड़े मसलों पर बहस कम होती है.

इस पर विधानसभा का संचालन कर रही डिप्टी स्पीकर राखी बिडला ने सदन में हंगामा कर रहे विधायकों से कहा कि विधानसभा कोई राजनीति का अखाड़ा नहीं है. न ही हम इसे ऐसा होने देंगे. भाजपा विधायकों की ओर इशारा करते हुए डिप्टी स्पीकर ने कहा कि वह सदन को शांतिपूर्ण चलने में सहयोग दें इसे राजनीति का अखाड़ा न बनाएं.

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही का संचालन कर रही डिप्टी स्पीकर राखी बिडलान ने सदन में बताया कि उपराज्यपाल ने गत 11 अगस्त को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई थी. उपराज्यपाल के पत्रों से अलग विधानसभा का कार्य, संचालन नियमों से होता है. यह विधानसभा स्पीकर का विशेषाधिकार है कि कब सत्र बुलाना है? उपराज्यपाल द्वारा लगाए गए आरोप को डिप्टी स्पीकर ने गंभीर कहा.

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को पता होना चाहिए कि जब तक नया सत्र बुलाने को लेकर कैबिनेट प्रस्ताव पारित नहीं करती, नया सत्र नहीं बुलाया जा सकता. एनसीटी अधिनियम में बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र जैसा कोई प्रावधान नहीं है. इस तरह से सत्र बुलाने का कोई नियम नहीं है. इस तरह सत्र बुलाने के कोई अनिवार्यता नहीं है. इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर कोई नियमों का उल्लंघन नहीं है.

बता दें कि संसद में पिछले दिनों दिल्ली सर्विस बिल पर संसद में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा के सत्र को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि दिल्ली की विधानसभा में तो नियमानुसार सत्र नहीं बुलाया जाता. यह देश की ऐसी विधानसभा है जहां सत्र को कभी खत्म नहीं किया जाता है. अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा था कि वर्ष 2020 में दिल्ली विधानसभा का एक ही सत्र बुलाया गया, जिसमें पांच बैठ हुई थी. वर्ष 2021 में भी एक ही बजट सत्र बुलाया गया जिसमें चार बैठकर हुई थी. वर्ष 2022 में एक ही बजट सत्र बुलाया गया और फिर 2023 में भी अभी तक एक ही सत्र बुलाया गया है.

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