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IRCTC Scam: बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव को बड़ी राहत, कोर्ट ने बरकरार रखी जमानत

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बड़ी राहत (Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav) मिली है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करने की सीबीआई की मांग को खारिज कर दिया है. दोनों ओर से चली लंबी बहस के बाद कोर्ट ने उनकी जमानत को बरकरार रखते हुए कहा कि तेजस्वी की बेल रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है.

TEJASHWI YADAV APPEAR IN CBI COURT
TEJASHWI YADAV APPEAR IN CBI COURT
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Published : Oct 18, 2022, 7:54 AM IST

Updated : Oct 18, 2022, 1:41 PM IST

पटना: आईआरसीटीसी घोटाला (IRCTC Scam) मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav) की जमानत रद्द नहीं होगी. सीबीआई की अर्जी पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी की बेल रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है. हालांकि अदालत ने आरजेडी नेता को हिदायत दी है कि आगे से ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें और जनता के बीच बोलते हुए अपनी भाषा और शब्दों का ख्याल रखें.

ये भी पढ़ें - मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश, हम डरने वाले नहीं हैं, बोले तेजस्वी

तेजस्वी यादव की जमानत रद्द नहीं होगी: इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि उन्होंने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया. लिहाजा बेल खारिज करने की सीबीआई की दलील का कोई मतलब नहीं है. वहीं, सीबीआई ने तेजस्वी की जमानत का विरोध किया. सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि तेजस्वी की धमकी से डर और चिंता का माहौल बना है. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीधे तौर पर जांच एजेंसी को प्रभावित करने की कोशिश की. ऐसे में उनकी जमानत को रद्द किया जाए.

कोर्ट ने क्या कहा?: राउज एवेन्यू कोर्ट कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी सार्वजनिक रूप से बोलते वक्त जिम्मेदाराना व्यवहार करें और उचित शब्दों का इस्तेमाल करें. जमानत निरस्त करने का कोई ठोस आधार नहीं पाया गया. ऐसे में अदालत ने तेजस्वी को चेतावनी दी कि वे शब्दों के चयन में और सावधानी बरतें.

'मेरी छवि खराब की जा रही'- तेजस्वी: कोर्ट में तेजस्वी यादव की ओर से कहा गया, 'अगर आपको लगता कि मैने सीबीआई के अधिकारियों को धमकाया है तो आईपीसी की धारा 506 की तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करते हैं?' तेजस्वी के वकील ने कोर्ट में कहा कि 24 अगस्त 2022 को बिहार में विश्वास प्रस्ताव होता है और बिहार में उसी दिन 20 जगह रेड होती है. सीबीआई के अधिकारी राबड़ी निवास जाते हैं. लोगों की भीड़ जमा रहती है. मेरी मां और भाई बाहर आते हैं और भीड़ को समझाते हैं और थप्पड़ मारते हैं कि सीबीआई के लोगों को अंदर आने दें और सीबीआई हम पर आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि छापा मारकर ये नैरेटीव बनाया गया कि इन लोगों ने काफी पैसा बनाया है. मैं ईजी टारगेट हूं, क्योंकि मैं मौजूदा सरकार के साथ नहीं हूं. नीतीश कुमार 15 साल तक अच्छे थे, क्योंकि आप उनके साथ में सत्ता में थे?'

तेजस्वी पर CBI अधिकारियों को धमकाने का आरोप : सीबीआई ने अदालत में अपनी शिकायत में कहा कि तेजस्वी यादव और उनके परिवार के सदस्य जांच को प्रभावित करने के लिए खुले मंच से सीबीआई के अधिकारियों को धमकाने में शामिल थे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और जांच को रोकने की कोशिश की. शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने देश के संविधान को भी चुनौती दी. सीबीआई अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि तेजस्वी आर्थिक अपराध के आरोपों का सामना कर रहे थे और जिस तरह से उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की, वह उन नियमों और शर्तों का उल्लंघन है, जिन पर अदालत ने उन्हें जमानत दी थी. जांच एजेंसी ने गीतांजलि गोयल की अदालत में एक आवेदन दायर किया था और सीबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील डीपी सिंह और मनु मिश्रा पेश हुए थे.

क्या है IRCTC Scam : आईआरसीटीसी घोटाला 2004 से 2009 के बीच हुआ, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. उनके कार्यकाल में दो होटलों को बिना नियमों का पालन किए लीज पर दे दिया गया. एक होटल सरला गुप्ता को आवंटित किया गया था, जो लालू प्रसाद के करीबी दोस्त प्रेम गुप्ता की पत्नी हैं. वे उस समय राज्यसभा सांसद भी थे. मामले में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता, रेलवे अधिकारी राकेश सक्सेना और पी के गोयल आरोपी हैं.

पटना: आईआरसीटीसी घोटाला (IRCTC Scam) मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav) की जमानत रद्द नहीं होगी. सीबीआई की अर्जी पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी की बेल रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है. हालांकि अदालत ने आरजेडी नेता को हिदायत दी है कि आगे से ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें और जनता के बीच बोलते हुए अपनी भाषा और शब्दों का ख्याल रखें.

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तेजस्वी यादव की जमानत रद्द नहीं होगी: इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि उन्होंने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया. लिहाजा बेल खारिज करने की सीबीआई की दलील का कोई मतलब नहीं है. वहीं, सीबीआई ने तेजस्वी की जमानत का विरोध किया. सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि तेजस्वी की धमकी से डर और चिंता का माहौल बना है. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीधे तौर पर जांच एजेंसी को प्रभावित करने की कोशिश की. ऐसे में उनकी जमानत को रद्द किया जाए.

कोर्ट ने क्या कहा?: राउज एवेन्यू कोर्ट कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी सार्वजनिक रूप से बोलते वक्त जिम्मेदाराना व्यवहार करें और उचित शब्दों का इस्तेमाल करें. जमानत निरस्त करने का कोई ठोस आधार नहीं पाया गया. ऐसे में अदालत ने तेजस्वी को चेतावनी दी कि वे शब्दों के चयन में और सावधानी बरतें.

'मेरी छवि खराब की जा रही'- तेजस्वी: कोर्ट में तेजस्वी यादव की ओर से कहा गया, 'अगर आपको लगता कि मैने सीबीआई के अधिकारियों को धमकाया है तो आईपीसी की धारा 506 की तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करते हैं?' तेजस्वी के वकील ने कोर्ट में कहा कि 24 अगस्त 2022 को बिहार में विश्वास प्रस्ताव होता है और बिहार में उसी दिन 20 जगह रेड होती है. सीबीआई के अधिकारी राबड़ी निवास जाते हैं. लोगों की भीड़ जमा रहती है. मेरी मां और भाई बाहर आते हैं और भीड़ को समझाते हैं और थप्पड़ मारते हैं कि सीबीआई के लोगों को अंदर आने दें और सीबीआई हम पर आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि छापा मारकर ये नैरेटीव बनाया गया कि इन लोगों ने काफी पैसा बनाया है. मैं ईजी टारगेट हूं, क्योंकि मैं मौजूदा सरकार के साथ नहीं हूं. नीतीश कुमार 15 साल तक अच्छे थे, क्योंकि आप उनके साथ में सत्ता में थे?'

तेजस्वी पर CBI अधिकारियों को धमकाने का आरोप : सीबीआई ने अदालत में अपनी शिकायत में कहा कि तेजस्वी यादव और उनके परिवार के सदस्य जांच को प्रभावित करने के लिए खुले मंच से सीबीआई के अधिकारियों को धमकाने में शामिल थे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और जांच को रोकने की कोशिश की. शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने देश के संविधान को भी चुनौती दी. सीबीआई अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि तेजस्वी आर्थिक अपराध के आरोपों का सामना कर रहे थे और जिस तरह से उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की, वह उन नियमों और शर्तों का उल्लंघन है, जिन पर अदालत ने उन्हें जमानत दी थी. जांच एजेंसी ने गीतांजलि गोयल की अदालत में एक आवेदन दायर किया था और सीबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील डीपी सिंह और मनु मिश्रा पेश हुए थे.

क्या है IRCTC Scam : आईआरसीटीसी घोटाला 2004 से 2009 के बीच हुआ, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. उनके कार्यकाल में दो होटलों को बिना नियमों का पालन किए लीज पर दे दिया गया. एक होटल सरला गुप्ता को आवंटित किया गया था, जो लालू प्रसाद के करीबी दोस्त प्रेम गुप्ता की पत्नी हैं. वे उस समय राज्यसभा सांसद भी थे. मामले में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता, रेलवे अधिकारी राकेश सक्सेना और पी के गोयल आरोपी हैं.

Last Updated : Oct 18, 2022, 1:41 PM IST
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