नागपुर: ललित पाटिल मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, जरूरत पड़ने पर पुलिस और सरकार किसी को भी गिरफ्तार करने से नहीं हिचकेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस लगातार छापेमारी कर कार्रवाई कर रही है.
फडणवीस ने विधान परिषद में यह भी कहा कि सरकार ड्रग्स मामले में किसी का समर्थन नहीं करेगी. ललित पाटिल ड्रग मामले को लेकर विधान परिषद में चर्चा हुई. उपमुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया कि पुलिस इन मामलों में मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल नहीं थी. फडणवीस ने कहा कि हालांकि, पुलिस ने अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभाया, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, दो को गिरफ्तार किया गया है और छह को निलंबित कर दिया गया है. ललित पाटिल ड्रग्स मामले पर मंगलवार को विधान परिषद में चर्चा हुई. इस पर ठाकरे गुट के विधायक सचिन अहीर ने सवाल उठाया. एक कैदी ललित पाटिल को 7 महीने तक ससून अस्पताल में रखा गया था. यहीं पर दवाएं मिलती हैं. इसके बाद आरोपी ससून से फरार हो जाता है. सचिन अहीर ने कहा था कि यह एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट है.
अहीर ने कहा कि बाद में ललित पाटिल को दक्षिण भारत से गिरफ्तार कर लिया गया. हमें पता लगाना चाहिए कि इसके पीछे कौन है. इस मामले में कुछ को गिरफ्तार भी किया गया था. हालांकि, ललित पाटिल का इलाज करने वाले डॉक्टर संजीव ठाकुर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस मामले में अहीर ने नार्को टेस्ट की मांग की. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने इस मामले में सरकार से सवाल किया है.
दानवे ने पूछा कि ललित पाटिल को नौ महीने तक आराम कैसे मिला? एक तरफ ससून अस्पताल में मरीजों के लिए बेड नहीं है. लेकिन ड्रग माफिया ललित पाटिल को 9 महीने तक रहने के लिए बिस्तर मिलता है, जो गंभीर मामला है. उन्होंने ससून अस्पताल के निलंबित डीन के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने कहा कि संभाजीनगर, खोपोली, नासिक में अवैध नशीली दवाओं के मामलों में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. इस पर बोलते हुए गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बंद फैक्ट्री में दवाओं का भंडार मिला है. एमडी जैसी दवाएं विकसित की जा रही थीं. बंद फैक्ट्री का दौरा कर जानकारी लेने और उचित कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.