पटना: राज्य में जहरीली शराब से मारे गए लोगों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के जरिए जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने ऐसे 38 पीड़ित परिवारों का चयन कर लिया है. इन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिए प्रति परिवार चार-चार लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करके अंतिम अनुमति के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया गया है.
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डीएम को भेज दी जाएगी राशिः उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के संयुक्त आयुक्त कृष्ण पासवान ने इस संबंध में गुरुवार को प्रेस वार्ता किया. उन्होंने कहा कि एक से दो दिन में इससे संबंधित आदेश जारी हो जाने की संभावना है. इसके बाद यह राशि संबंधित डीएम को भेज दी जाएगी, जहां से इसका वितरण संबंधित परिवार के बीच किया जाएगा. कृष्ण पासवान ने बताया कि इन 38 परिवारों में 26 मोतिहारी जहरीली कांड और 12 नालंदा जहरीली कांड के पीड़ित परिवार हैं. यह दोनों शराबकांड 2022 में हुई थी.
2022 में हुई थी मौत: कृष्ण पासवान ने बताया कि संबंधित जिलों के डीएम के माध्यम से इन पीड़ित परिवारों का सर्वे करवाकर रिपोर्ट मांगी गई थी. जिलों से प्राप्त इस रिपोर्ट के आधार पर ही परिवार का चयन कर मुआवजा की यह राशि वितरित की जा रही है. नालंदा में जहरीली शराब कांड 15 जनवरी 2022 को हुई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी. मोतिहारी में भी जहरीली शराब कांड 2022 में हुआ था. बता दें कि इस वर्ष अप्रैल में राज्य सरकार ने शराब से मौत पर अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद पहली बार सरकार के स्तर से यह राशि जारी की जा रही है.
अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट देना अनिवार्य: विभाग के स्तर से जहरीली शराब से मौत के मामले में अन्य जिलों से भी आश्रित परिवार के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद इन जिलों के आश्रित परिवारों को भी अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा. विभाग के अनुसार, 17 अप्रैल 2023 के बाद जहरीली शराब से मौत पर अनुदान पाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट देना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके पहले के पीड़ित परिवार जिनके पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं है, उनके मामले की जांच डीएम के स्तर से बनी कमेटी करेगी. डीएम की अनुशंसा पर ही संबंधित जिलों को मुआवजा राशि का आवंटन किया जाएगा.