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New Parliament Building : डेनमार्क के राजदूत बोले-आधुनिक भारत को स्वर्ण 'राजदंड' दिया गया है...स्वर्ण युग है - Denmark and Mexico ambassador

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया (New Parliament Building). इस दौरान 70 से अधिक राजदूत शामिल हुए. डेनमार्क के राजदूत ने कहा कि स्वर्ण युग आ गया है. वहीं मैक्सिको के राजदूत ने भी जमकर तारीफ की. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

Svaney Freddy
भारत में डेनमार्क के राजदूत स्वैन फ्रेडी
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Published : May 28, 2023, 5:27 PM IST

नई दिल्ली: भारत में डेनमार्क के राजदूत स्वैन फ्रेडी (Svaney Freddy) ने रविवार को कहा कि नया भारत आकार ले रहा है और आधुनिक भारत को स्वर्णिम राजदंड दिया गया है - स्वर्ण युग आ गया है.

आलोचनाओं और विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में नए संसद भवन को समर्पित किया (New Parliament Building). उन्होंने ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सोने के राजदंड को संसद में स्थापित किया, जिसे सेंगोल कहा जाता है.

उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए डेनमार्क के दूत फ्रेडी ने कहा, 'नए संसद भवन में सेंगोल को देखा और माननीय पीएम नरेंद्र मोदी के मजबूत संदेश को महसूस किया. नया भारत आकार लेता है और आधुनिक भारत को स्वर्ण राजदंड दिया गया है - स्वर्ण युग है.'

फ्रेडी ने कहा कि 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नई संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य सबसे बड़े से महानतम की ओर बढ़ें.'

भारत में मैक्सिकन राजदूत फेडेरिको सालास ने कहा, 'भारत की संसद के नए भवन के लोकार्पण में भाग लिया. भारत में लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण क्षण क्योंकि यह अपने भविष्य की ओर देखता है.'

नई दिल्ली में आज नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कई देशों के 70 से अधिक दूतों ने भाग लिया. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि व्यापक शोध के बाद सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर 'सेंगोल' को चुना गया.

अमित शाह ने कहा, 'जब सत्ता हस्तांतरण का समय आया तो वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पूर्व पीएम नेहरू से पूछा कि भारतीय परंपराओं के अनुसार देश को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक क्या होना चाहिए. नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानी और ऐतिहासिक विद्वान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. सी राजगोपालाचारी (राजगोपालाचारी) ने गहन ऐतिहासिक शोध करने के बाद कहा कि भारतीय परंपराओं के अनुसार, 'सेंगोल' को ऐतिहासिक परिवर्तन के प्रतीक के रूप में चिह्नित किया गया है.'

उद्घाटन में लोकसभा और राज्यसभा के पूर्व अध्यक्ष और सभापति सहित देश भर के विभिन्न नेताओं ने भाग लिया. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, 'संसद जनता की आवाज है. प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक मान रहे हैं.'

सेंगोल क्या है? : सेंगोल को न्याय, सत्ता के हस्तांतरण और सुशासन का प्रतीक माना जाता है. इसे 14 अगस्त, 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था. इसे ब्रिटिश सरकार से भारत में सत्ता के हस्तांतरण के रूप में चिह्नित किया गया था.

राजदंड भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की याद दिलाता है. इसकी उत्पत्ति चोल वंश से हुई थी जो भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली राजवंशों में से एक था. सूत्रों के अनुसार सेंगोल को इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रखा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाने का फैसला किया.

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आलोचनाओं और विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में नए संसद भवन को समर्पित किया (New Parliament Building). उन्होंने ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सोने के राजदंड को संसद में स्थापित किया, जिसे सेंगोल कहा जाता है.

उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए डेनमार्क के दूत फ्रेडी ने कहा, 'नए संसद भवन में सेंगोल को देखा और माननीय पीएम नरेंद्र मोदी के मजबूत संदेश को महसूस किया. नया भारत आकार लेता है और आधुनिक भारत को स्वर्ण राजदंड दिया गया है - स्वर्ण युग है.'

फ्रेडी ने कहा कि 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नई संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य सबसे बड़े से महानतम की ओर बढ़ें.'

भारत में मैक्सिकन राजदूत फेडेरिको सालास ने कहा, 'भारत की संसद के नए भवन के लोकार्पण में भाग लिया. भारत में लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण क्षण क्योंकि यह अपने भविष्य की ओर देखता है.'

नई दिल्ली में आज नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कई देशों के 70 से अधिक दूतों ने भाग लिया. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि व्यापक शोध के बाद सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर 'सेंगोल' को चुना गया.

अमित शाह ने कहा, 'जब सत्ता हस्तांतरण का समय आया तो वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पूर्व पीएम नेहरू से पूछा कि भारतीय परंपराओं के अनुसार देश को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक क्या होना चाहिए. नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानी और ऐतिहासिक विद्वान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. सी राजगोपालाचारी (राजगोपालाचारी) ने गहन ऐतिहासिक शोध करने के बाद कहा कि भारतीय परंपराओं के अनुसार, 'सेंगोल' को ऐतिहासिक परिवर्तन के प्रतीक के रूप में चिह्नित किया गया है.'

उद्घाटन में लोकसभा और राज्यसभा के पूर्व अध्यक्ष और सभापति सहित देश भर के विभिन्न नेताओं ने भाग लिया. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, 'संसद जनता की आवाज है. प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक मान रहे हैं.'

सेंगोल क्या है? : सेंगोल को न्याय, सत्ता के हस्तांतरण और सुशासन का प्रतीक माना जाता है. इसे 14 अगस्त, 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था. इसे ब्रिटिश सरकार से भारत में सत्ता के हस्तांतरण के रूप में चिह्नित किया गया था.

राजदंड भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की याद दिलाता है. इसकी उत्पत्ति चोल वंश से हुई थी जो भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली राजवंशों में से एक था. सूत्रों के अनुसार सेंगोल को इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रखा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाने का फैसला किया.

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