नई दिल्लीः बायोडायवर्सिटी पार्क (Delhi yamuna Biodiversity Park) में प्रवासी पक्षियों (migrant birds ) का आना शुरू हो गया है. हालांकि, अभी तक पार्क में अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों की संख्या ज्यादा नहीं है. उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर के मध्य के बाद अफगानिस्तान, सेंट्रल एशिया, साइबेरिया और चीन से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पार्क में आएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि मानसून के दौरान जमकर हुई बारिश के बाद दिल्ली में पक्षियों की संख्या कम भी हो सकती है, क्योंकि राजस्थान जैसे इलाकों में भी पर्याप्त पानी और अनुकूलित वातावरण मिलने पर इस बार पक्षी वहां प्रवास कर सकते हैं.
ईटीवी से बात करते हुए बायोडायवर्सिटी पार्क के जीव वैज्ञानिक उपेंद्र सिरोही ने बताया कि आमतौर पर पक्षी नवंबर की शुरुआत में आते थे. अभी पक्षियों के अनुकूल तापमान नहीं बन रहा है. इस वजह से पक्षियों के आने में देरी हो रही है. उम्मीद है कि 20 नवंबर के बाद पक्षियों की बड़ी संख्या यहां पर देखने को मिलेगी. आमतौर पर चीन, साइबेरिया, सेंट्रल एशिया और अफगान से बड़ी संख्या में रेड परिचर्ड, रेड फिस्टर पोचार्ड, नॉर्दन छावलर आदि जोकि बड़ी संख्या में प्रवास के लिए आते हैं और उनके साथ ही लोकल रेजिडेंट पक्षी भी बड़ी संख्या में यहां पर होते हैं.
बायोडायवर्सिटी पार्क दो खंडों में बना हुआ है. एक खंड 157 एकड़ का है, जिसमें सात एकड़ में झील बनाई गई है. वहीं, दूसरा खंड 300 एकड़ जमीन पर बना हुआ है, जिसमें एक बड़ी कृत्रिम झील बनी हुई है. जीव वैज्ञानिक उपेंद्र सिरोही ने बताया कि हर साल यहां पर तीन से चार हजार पक्षी अलग-अलग प्रजाति के आते हैं. इस बार उत्तरी भारत में हुई अधिक बारिश के बाद पक्षियों की संख्या कम भी हो सकती है. दूसरे राज्यों में भी पानी मिलने के कारण पक्षी वहां पर प्रवास कर सकते हैं.
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पक्षियों के भारत में प्रवास करने के समय अनुकूल वातावरण तो होना ही चाहिए. साथ ही 20 डिग्री से कम तापमान होना चाहिए, तभी बड़ी संख्या में पक्षी भारत की ओर रुख करते हैं. प्रदूषण पक्षियों के प्रवास में बाधक होता है, लेकिन दिल्ली में ज्यादा प्रदूषण के चलते पक्षी इस बार पक्षियों के प्रवास में कमी देखने को मिल सकती है.
दिल्ली में नवंबर से लेकर मार्च तक प्रवासी पक्षी भारत का रुख करते हैं. मांसाहारी पक्षियों के लिए झील में मछलियां भी हैं, वह जिनको खाकर गुजारा करती हैं. वहीं, शाकाहारी पक्षियों के लिए झील में वनस्पति उगाई जाती है, जिसके सहारे शाकाहारी पक्षी जीवित रहते हैं. दिल्ली में जब गर्मी शुरू होती है, तब यह पक्षी अपने देशों की ओर रुख करना शुरू कर देते हैं.