नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज और लॉ फैकल्टी के छात्र रहे हरेराम सिंह ने लंबी बीमारी के बाद आज दम तोड़ दिया. बता दें कि हरे राम सिंह रामजस कॉलेज के छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. साथ ही उन्होंने मंडल कमीशन के खिलाफ हुए आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. इसके अलावा वह एन्टी मंडल कमीशन फोरम (एएमसीएफ) के संयोजक भी रह चुके हैं.
लंबी बीमारी के बाद हरेराम सिंह ने तोड़ा दम
मिली जानकारी के अनुसार हरेराम सिंह पिछले कुछ सालों से वह बीमार चल रहे थे और हाल ही में उनका एम्स में लिवर ट्रांसप्लांट भी हुआ था. बता दें कि मंडल कमीशन के खिलाफ हुए आंदोलन में हरेराम सिंह की भूमिका से प्रभावित होकर पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी. वहीं, हरेराम सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के जुबली हॉस्टल के रेजिडेंट थे.
ग्रामीण परिवेश का होकर भी डीयू छात्र राजनीति में बनाई अलग पहचान
वहीं, रामजस कॉलेज के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश झा ने बताया कि छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर हरेराम सिंह की जीत उस समय चौंकाने वाली थी. क्योंकि उस दौरान डीयू कैंपस में स्थापित समूहों को उनसे गंभीर चुनौती मिली थी. उन्होंने बताया कि एक सुदूर ग्रामीण परिवेश के गरीब परिवार से आकर एक हिंदी भाषी छात्र के रूप में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हरेराम सिंह की जीत के बाद छात्र राजनीति में एक अलग बदलाव देखने को मिला था.
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