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सिख युवती के अपहरण का मामला, DSGMC का प्रतिनिधिमंडल पाक उच्चायुक्त से मिला - sikh women in pakistan

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में एक सिख युवती के अपहरण के बाद धर्मांतरण कराए जाने के साथ उसकी शादी एक रिक्शा वाले से कराए जाने को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त से मुलाकात की. हालांकि प्रतिनिधिमंडल के हरमीत सिंह कालका ने कहा कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर भी उठाएंगे.

DSGMC delegation meets Pak High Commissioner
DSGMC का प्रतिनिधिमंडल पाक उच्चायुक्त से मिला
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Published : Aug 29, 2022, 9:31 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 9:52 PM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में एक सिख युवती के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और उसके बाद एक रिक्शा चालक से उसका निकाह कराए जाने के बाद सिख समुदाय में रोष व्याप्त है. इसी क्रम में सोमवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसकी शिकायत और कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन (Pakistan High Commission) पहुंचा. हालांकि पाकिस्तान के उच्चायुक्त एजाज खान से मिलने के बाद भी प्रतिनिधिमंडल ठोस आश्वासन न मिलने के कारण निराश दिखा. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कमीशन से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा है कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाएंगे और जरूरत पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक भी जाएंगे.

DSGMC का प्रतिनिधिमंडल पाक उच्चायुक्त से मिला

बता दें कि बीते 20 अगस्त को बीबी दीना कौर नाम की महिला का अपहरण कर पहले धर्मांतरण कराया गया और उसके बाद एक रिक्शा चालक से निकाह करवा दिया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान समेत अन्य देशों से भी इस घटना का विरोध शुरू हुआ. हरमीत सिंह कालका ने बताया कि पाकिस्तान दूतावास में उनकी मुलाकात एक अधिकारी से कराई गई जिनके सामने उन्होंने मामले से संबंधित बात रखी, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारी का रवैया अपने लोगों को बचाने वाला दिखा.

उन्होंने बताया कि अधिकारी ने कहा कि कानून के दायरे में मामले की जांच चल रही है. जिस व्यक्ति पर आरोप है उस पर मामला दर्ज हुआ है, हिरासत में भी लिया गया है और इसी हफ्ते उसे कोर्ट में भी पेश किया जाएगा. लेकिन हैरानी की बात है कि महिला को अब तक उसके परिवार से नहीं मिलवाया गया है. सिख समुदाय के लोगों को संदेह है कि ऐसा इस घटना में शामिल लोगों को बचाने के लिए ही किया जा रहा है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने पाकिस्तानी अधिकारियों के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी उनका प्रतिनिधिमंडल किसी भी देश के उच्चायोग या अधिकारी से मिलता है तो उनकी एक भावना दिखती है कि जो गलत हुआ है उसे ठीक किया जाए लेकिन पाकिस्तान उच्चायोग में उन्हें ऐसा नहीं लगा. भारत में तैनात पाकिस्तानी अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए उन्हें कहा कि उनके देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई चल रही है.

घटना का एक पक्ष यह भी बताया जा रहा है कि संभव है पेशे से शिक्षक महिला अपनी मर्जी से उस रिक्शा वाले के साथ गई हो लेकिन समुदाय के लोगों की इसमें अपनी दलील है. हरमीत सिंह कालका ने बताया कि उनकी बातचीत महिला के परिजनों और कुछ रिश्तेदारों से भी हुई है. एक महिला जिसके माता पिता ने उसे पढ़ाया लिखाया और शिक्षक बनाया, आज जो दूसरों को शिक्षा देने का काम कर रही है वह कैसे किसी रिक्शा चालक को अपने पति के रूप में चुन सकती है? इससे यह साफ होता है कि न केवल उस महिला बल्कि उसके परिवार पर भी दबाव बनाया गया है. और इस दबाव में ही यह शादी कराई गई है जो शर्मिंदगी की बात है.

उन्होंने कहा कि हमने उनसे आज ये स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि आप इस मामले का संज्ञान नहीं लेंगे और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए यदि कोई पॉलिसी नहीं लाएंगे और इस मुद्दे पर अपना स्पष्टीकरण नहीं रखेंगे तो हम इस मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी जाएंगे. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने कहा है कि वह सिख समुदाय के सभी संगठनों को इस बाबत लिखेंगे. साथ ही विदेशों में भी पत्राचार करेंगे और सब से एकजुट होकर इस तरह के मामले को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में उठाने के लिए कहेंगे.

ये भी पढ़ें - पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण के बाद शादी का एक और मामला सामने आया

नई दिल्ली : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में एक सिख युवती के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और उसके बाद एक रिक्शा चालक से उसका निकाह कराए जाने के बाद सिख समुदाय में रोष व्याप्त है. इसी क्रम में सोमवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसकी शिकायत और कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन (Pakistan High Commission) पहुंचा. हालांकि पाकिस्तान के उच्चायुक्त एजाज खान से मिलने के बाद भी प्रतिनिधिमंडल ठोस आश्वासन न मिलने के कारण निराश दिखा. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कमीशन से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा है कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाएंगे और जरूरत पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक भी जाएंगे.

DSGMC का प्रतिनिधिमंडल पाक उच्चायुक्त से मिला

बता दें कि बीते 20 अगस्त को बीबी दीना कौर नाम की महिला का अपहरण कर पहले धर्मांतरण कराया गया और उसके बाद एक रिक्शा चालक से निकाह करवा दिया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान समेत अन्य देशों से भी इस घटना का विरोध शुरू हुआ. हरमीत सिंह कालका ने बताया कि पाकिस्तान दूतावास में उनकी मुलाकात एक अधिकारी से कराई गई जिनके सामने उन्होंने मामले से संबंधित बात रखी, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारी का रवैया अपने लोगों को बचाने वाला दिखा.

उन्होंने बताया कि अधिकारी ने कहा कि कानून के दायरे में मामले की जांच चल रही है. जिस व्यक्ति पर आरोप है उस पर मामला दर्ज हुआ है, हिरासत में भी लिया गया है और इसी हफ्ते उसे कोर्ट में भी पेश किया जाएगा. लेकिन हैरानी की बात है कि महिला को अब तक उसके परिवार से नहीं मिलवाया गया है. सिख समुदाय के लोगों को संदेह है कि ऐसा इस घटना में शामिल लोगों को बचाने के लिए ही किया जा रहा है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने पाकिस्तानी अधिकारियों के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी उनका प्रतिनिधिमंडल किसी भी देश के उच्चायोग या अधिकारी से मिलता है तो उनकी एक भावना दिखती है कि जो गलत हुआ है उसे ठीक किया जाए लेकिन पाकिस्तान उच्चायोग में उन्हें ऐसा नहीं लगा. भारत में तैनात पाकिस्तानी अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए उन्हें कहा कि उनके देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई चल रही है.

घटना का एक पक्ष यह भी बताया जा रहा है कि संभव है पेशे से शिक्षक महिला अपनी मर्जी से उस रिक्शा वाले के साथ गई हो लेकिन समुदाय के लोगों की इसमें अपनी दलील है. हरमीत सिंह कालका ने बताया कि उनकी बातचीत महिला के परिजनों और कुछ रिश्तेदारों से भी हुई है. एक महिला जिसके माता पिता ने उसे पढ़ाया लिखाया और शिक्षक बनाया, आज जो दूसरों को शिक्षा देने का काम कर रही है वह कैसे किसी रिक्शा चालक को अपने पति के रूप में चुन सकती है? इससे यह साफ होता है कि न केवल उस महिला बल्कि उसके परिवार पर भी दबाव बनाया गया है. और इस दबाव में ही यह शादी कराई गई है जो शर्मिंदगी की बात है.

उन्होंने कहा कि हमने उनसे आज ये स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि आप इस मामले का संज्ञान नहीं लेंगे और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए यदि कोई पॉलिसी नहीं लाएंगे और इस मुद्दे पर अपना स्पष्टीकरण नहीं रखेंगे तो हम इस मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी जाएंगे. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने कहा है कि वह सिख समुदाय के सभी संगठनों को इस बाबत लिखेंगे. साथ ही विदेशों में भी पत्राचार करेंगे और सब से एकजुट होकर इस तरह के मामले को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में उठाने के लिए कहेंगे.

ये भी पढ़ें - पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण के बाद शादी का एक और मामला सामने आया

Last Updated : Aug 29, 2022, 9:52 PM IST
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