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दिल्ली दंगा: अदालत ने तीनों छात्र कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने का दिया आदेश - Jamia Millia Islamia

उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे (delhi-riots) से जुड़े एक मामले में अदालत ने जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता और नताशा नरवाल को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया.

दिल्ली दंगा
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Published : Jun 17, 2021, 12:30 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 5:36 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता और नताशा नरवाल को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया.

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के इन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के दो दिन बाद अदालत ने गुरुवार को यह आदेश दिया. इन्हें पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था.

इन्हें उनके पते और जमानतदारों से जुड़ी जानकारी पूर्ण ना होने का हवाला देते हुए समय पर जेल से रिहा नहीं किया गया था.

शीघ्र रिहाई के लिए किया था अदालत का रुख

जमानत मिलने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता और नताशा नरवाल ने जेल से तुरंत रिहाई का अनुरोध करते हुए आज उच्च न्यायालय का रुख किया था.

740 गवाहों को गवाही खत्म होने तक जेल में नहीं रखा जा सकता

इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस मामले में 740 गवाह हैं, इन गवाहों में स्वतंत्र गवाहों के अलावा, सुरक्षित गवाह, पुलिस गवाह इत्यादि शामिल हैं. ऐसे में इन आरोपियों को इन 740 गवाहों की गवाही खत्म होने तक जेल के अंदर नहीं रखा जा सकता है. कोरोना के वर्तमान समय में जब कोर्ट का प्रभावी काम बिल्कुल ठप हो गया है. कोर्ट क्या उस समय तक का इंतजार करे जब तक कि आरोपियों के मामले का जल्दी ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है.

पढ़ें :दिल्ली दंगा केस : यूएपीए के तहत गिरफ्तार तीन आरोपियों को जमानत

50-50 हजार के मुचलके पर जमानत

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पचास-पचास हजार रुपये के निजी और दो स्थानीय जमानतियों के आधार पर जमानत देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तीनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपी वैसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे केस प्रभावित हो. आसिफ इकबाल तान्हा जामिया युनिवर्सिटी का छात्र है. उसे मई 2020 में दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नताशा नरवाल और देवांगन कलीता पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य हैं. दोनों को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. तीनों पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है.

कौन-कौन हैं आरोपी

दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. सफूरा जरगर को पहले ही मानवीय आधार पर जमानत मिल चुकी है.

(भाषा इनपुट के साथ)

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता और नताशा नरवाल को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया.

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के इन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के दो दिन बाद अदालत ने गुरुवार को यह आदेश दिया. इन्हें पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था.

इन्हें उनके पते और जमानतदारों से जुड़ी जानकारी पूर्ण ना होने का हवाला देते हुए समय पर जेल से रिहा नहीं किया गया था.

शीघ्र रिहाई के लिए किया था अदालत का रुख

जमानत मिलने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता और नताशा नरवाल ने जेल से तुरंत रिहाई का अनुरोध करते हुए आज उच्च न्यायालय का रुख किया था.

740 गवाहों को गवाही खत्म होने तक जेल में नहीं रखा जा सकता

इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस मामले में 740 गवाह हैं, इन गवाहों में स्वतंत्र गवाहों के अलावा, सुरक्षित गवाह, पुलिस गवाह इत्यादि शामिल हैं. ऐसे में इन आरोपियों को इन 740 गवाहों की गवाही खत्म होने तक जेल के अंदर नहीं रखा जा सकता है. कोरोना के वर्तमान समय में जब कोर्ट का प्रभावी काम बिल्कुल ठप हो गया है. कोर्ट क्या उस समय तक का इंतजार करे जब तक कि आरोपियों के मामले का जल्दी ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है.

पढ़ें :दिल्ली दंगा केस : यूएपीए के तहत गिरफ्तार तीन आरोपियों को जमानत

50-50 हजार के मुचलके पर जमानत

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पचास-पचास हजार रुपये के निजी और दो स्थानीय जमानतियों के आधार पर जमानत देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तीनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपी वैसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे केस प्रभावित हो. आसिफ इकबाल तान्हा जामिया युनिवर्सिटी का छात्र है. उसे मई 2020 में दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नताशा नरवाल और देवांगन कलीता पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य हैं. दोनों को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. तीनों पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है.

कौन-कौन हैं आरोपी

दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. सफूरा जरगर को पहले ही मानवीय आधार पर जमानत मिल चुकी है.

(भाषा इनपुट के साथ)

Last Updated : Jun 17, 2021, 5:36 PM IST
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