ETV Bharat / bharat

दिल्ली दंगे : अदालत ने तीनों छात्र कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने का दिया आदेश

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने नताशा नरवाल, देवांगन कलीता और आसिफ इकबाल तनहा को रिहा करने का आदेश दिया है.

दिल्ली दंगे : अदालत ने तीनों छात्र कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने का दिया आदेश
दिल्ली दंगे : अदालत ने तीनों छात्र कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने का दिया आदेश
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 2:17 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे (Delhi Riots) से जुड़े एक मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा (Asif Iqbal Tanha) और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता (Devangan Kalita) और नताशा नरवाल (Natasha Narwal) को तत्काल जेल से रिहा करने का बृहस्पतिवार को ओदश दिया.

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के इन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के दो दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया. इन्हें पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. इन्हें उनके पते और जमानतदारों से जुड़ी जानकारी पूर्ण ना होने का हवाला देते हुए समय पर जेल से रिहा नहीं किया गया था.

740 गवाहों की खत्म होने तक जेल में नहीं रखा जा सकता

पिछले 15 जून को हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को नियमित जमानत दी थी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अजय जयराम भांभानी की बेंच ने नियमित जमानत देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस मामले में 740 गवाह हैं. इन गवाहों में स्वतंत्र गवाहों के अलावा, सुरक्षित गवाह, पुलिस गवाह इत्यादि शामिल हैं.

ऐसे में इन आरोपियों को इन 740 गवाहों की गवाही खत्म होने तक जेल के अंदर नहीं रखा जा सकता है. कोर्ट ने कहा था कि कोरोना के वर्तमान समय में जब कोर्ट का प्रभावी काम बिल्कुल ठप हो गया है. कोर्ट क्या उस समय तक का इंतजार करे जब तक कि आरोपियों के मामले का जल्दी ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है.

50-50 हजार के मुचलके पर जमानत

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पचास-पचास हजार रुपये के निजी और दो स्थानीय जमानतियों के आधार पर जमानत देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तीनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपी वैसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे केस प्रभावित हो.

आसिफ इकबाल तनहा जामिया युनिवर्सिटी का छात्र है. उसे मई 2020 में दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नताशा नरवाल और देवांगन कलीता पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य हैं. दोनों को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. तीनों पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है.

कौन-कौन हैं आरोपी...

दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. सफूरा जरगर को पहले ही मानवीय आधार पर जमानत मिल चुकी है.

गौरतलब है कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक टकराव का रूप ले लिया था. हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 200 लोग घायल हो गए थे. इन तीनों पर इनका मुख्य 'साजिशकर्ता' होने का आरोप है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली दंगा: तीनों छात्रों ने जमानत मिलने के बाद जेल से तत्काल रिहाई की मांग की

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे (Delhi Riots) से जुड़े एक मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा (Asif Iqbal Tanha) और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता (Devangan Kalita) और नताशा नरवाल (Natasha Narwal) को तत्काल जेल से रिहा करने का बृहस्पतिवार को ओदश दिया.

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के इन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के दो दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया. इन्हें पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. इन्हें उनके पते और जमानतदारों से जुड़ी जानकारी पूर्ण ना होने का हवाला देते हुए समय पर जेल से रिहा नहीं किया गया था.

740 गवाहों की खत्म होने तक जेल में नहीं रखा जा सकता

पिछले 15 जून को हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को नियमित जमानत दी थी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अजय जयराम भांभानी की बेंच ने नियमित जमानत देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस मामले में 740 गवाह हैं. इन गवाहों में स्वतंत्र गवाहों के अलावा, सुरक्षित गवाह, पुलिस गवाह इत्यादि शामिल हैं.

ऐसे में इन आरोपियों को इन 740 गवाहों की गवाही खत्म होने तक जेल के अंदर नहीं रखा जा सकता है. कोर्ट ने कहा था कि कोरोना के वर्तमान समय में जब कोर्ट का प्रभावी काम बिल्कुल ठप हो गया है. कोर्ट क्या उस समय तक का इंतजार करे जब तक कि आरोपियों के मामले का जल्दी ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है.

50-50 हजार के मुचलके पर जमानत

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पचास-पचास हजार रुपये के निजी और दो स्थानीय जमानतियों के आधार पर जमानत देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तीनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपी वैसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे केस प्रभावित हो.

आसिफ इकबाल तनहा जामिया युनिवर्सिटी का छात्र है. उसे मई 2020 में दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नताशा नरवाल और देवांगन कलीता पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य हैं. दोनों को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. तीनों पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है.

कौन-कौन हैं आरोपी...

दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. सफूरा जरगर को पहले ही मानवीय आधार पर जमानत मिल चुकी है.

गौरतलब है कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक टकराव का रूप ले लिया था. हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 200 लोग घायल हो गए थे. इन तीनों पर इनका मुख्य 'साजिशकर्ता' होने का आरोप है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली दंगा: तीनों छात्रों ने जमानत मिलने के बाद जेल से तत्काल रिहाई की मांग की

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.