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Sulli Deal Case: दिल्ली पुलिस ने ट्विटर से 10 संदिग्ध अकाउंट की मांगी डिटेल - दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल सुल्ली डील

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने सुल्ली डील मामले (Sulli Deal Case) में ट्विटर के अधिकारियों को पत्र लिखकर 10 संदिग्ध अकांउट की डिटेल मांगी है. सूत्रों की मानें तो अगर इन आरोपियों की भूमिका के बारे में पता चलता है तो उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

दिल्ली पुलिस
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Published : Jan 13, 2022, 1:37 PM IST

नई दिल्ली : सुल्ली डील मामले (Sulli Deal Case) की जांच कर रही स्पेशल सेल की साइबर सेल को 10 संदिग्ध ट्विटर अकाउंट का पता चला है. इन अकाउंट के बारे में पकड़े गए आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर ने स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) को जानकारी दी है. इस आधार पर स्पेशल सेल की तरफ से ट्विटर को एक पत्र लिखा गया है और इन 10 अकाउंट की डिटेल मांगी (delhi police letter to twitter officials in sulli deal case) गई है. सूत्रों का कहना है कि पुलिस से डिटेल मिलने के बाद इन आरोपियों की भूमिका के बारे में पता लगाया जाएगा. उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

गौरतलब है कि बीते जुलाई महीने में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुल्ली डील एप्प (Sulli Deal Case) को लेकर एक FIR दर्ज की थी. इस वेबसाइट पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर लगाकर उनकी बोली लगाई जाती थी. इस मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं मिला. लेकिन हाल ही में उन्होंने बुल्ली बाई एप्प बनाने वाले नीरज बिश्नोई (Neeraj Bishnoi) को असम से गिरफ्तार किया. उसने खुलासा किया कि वह सुल्ली डील एप्प बनाने वाले को पहचानता है. उसने ओंकारेश्वर के ट्विटर हैंडल के बारे में पुलिस को बताया, जिसकी मदद से पुलिस टीम ने इंदौर से उसे गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें : तीन दिन में ही डिलीट कर दिया था सुल्ली डील ऐप, आरोपी का खुलासा

ओंकारेश्वर को अदालत में पेश करने के बाद चार दिन की रिमांड पर लिया गया, जिसकी अवधि आज समाप्त हो रही है. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसके मोबाइल से कोई खास जानकारी पुलिस को हासिल नहीं हो सकी है. उसके लैपटॉप का सर्विलांस अभी चल रहा है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने जुलाई के पहले सप्ताह में यह एप्प बनाया था और तीन दिन बाद ही उसे डिलीट भी कर दिया था. उसने ट्रेड महासभा के नाम से टि्वटर पर एक ग्रुप बनाया था जिसमें लगभग 50 सदस्य थे. इनमें से 10 ट्विटर अकाउंट की डिटेल उसने साइबर सेल के साथ साझा की है. पुलिस ने जब जांच की तो पाया कि यह सभी ट्विटर हैंडल डिलीट किए जा चुके हैं.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर द्वारा बताए गए टि्वटर अकाउंट्स के बारे में उन्होंने ट्विटर को पत्र लिखा (delhi police letter to twitter) है. इस पत्र के माध्यम से उन 10 अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी है, जिनके बारे में ओंकारेश्वर ठाकुर ने खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि ये लोग सुल्ली डील मामले में अहम किरदार हो सकते हैं और अगर उनके खिलाफ कोई साक्ष्य मिलता है, तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है.

नई दिल्ली : सुल्ली डील मामले (Sulli Deal Case) की जांच कर रही स्पेशल सेल की साइबर सेल को 10 संदिग्ध ट्विटर अकाउंट का पता चला है. इन अकाउंट के बारे में पकड़े गए आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर ने स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) को जानकारी दी है. इस आधार पर स्पेशल सेल की तरफ से ट्विटर को एक पत्र लिखा गया है और इन 10 अकाउंट की डिटेल मांगी (delhi police letter to twitter officials in sulli deal case) गई है. सूत्रों का कहना है कि पुलिस से डिटेल मिलने के बाद इन आरोपियों की भूमिका के बारे में पता लगाया जाएगा. उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

गौरतलब है कि बीते जुलाई महीने में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुल्ली डील एप्प (Sulli Deal Case) को लेकर एक FIR दर्ज की थी. इस वेबसाइट पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर लगाकर उनकी बोली लगाई जाती थी. इस मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं मिला. लेकिन हाल ही में उन्होंने बुल्ली बाई एप्प बनाने वाले नीरज बिश्नोई (Neeraj Bishnoi) को असम से गिरफ्तार किया. उसने खुलासा किया कि वह सुल्ली डील एप्प बनाने वाले को पहचानता है. उसने ओंकारेश्वर के ट्विटर हैंडल के बारे में पुलिस को बताया, जिसकी मदद से पुलिस टीम ने इंदौर से उसे गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें : तीन दिन में ही डिलीट कर दिया था सुल्ली डील ऐप, आरोपी का खुलासा

ओंकारेश्वर को अदालत में पेश करने के बाद चार दिन की रिमांड पर लिया गया, जिसकी अवधि आज समाप्त हो रही है. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसके मोबाइल से कोई खास जानकारी पुलिस को हासिल नहीं हो सकी है. उसके लैपटॉप का सर्विलांस अभी चल रहा है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने जुलाई के पहले सप्ताह में यह एप्प बनाया था और तीन दिन बाद ही उसे डिलीट भी कर दिया था. उसने ट्रेड महासभा के नाम से टि्वटर पर एक ग्रुप बनाया था जिसमें लगभग 50 सदस्य थे. इनमें से 10 ट्विटर अकाउंट की डिटेल उसने साइबर सेल के साथ साझा की है. पुलिस ने जब जांच की तो पाया कि यह सभी ट्विटर हैंडल डिलीट किए जा चुके हैं.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर द्वारा बताए गए टि्वटर अकाउंट्स के बारे में उन्होंने ट्विटर को पत्र लिखा (delhi police letter to twitter) है. इस पत्र के माध्यम से उन 10 अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी है, जिनके बारे में ओंकारेश्वर ठाकुर ने खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि ये लोग सुल्ली डील मामले में अहम किरदार हो सकते हैं और अगर उनके खिलाफ कोई साक्ष्य मिलता है, तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है.

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