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निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले तबलीगी जमात सदस्यों को आसरा दिया लोगों ने : दिल्ली पुलिस - Tablighi Jamaat violated prohibitory order

दिल्ली पुलिस ने मार्च 2020 में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में विदेशी लोगों की मेजबानी करने को लेकर चांदनी महल इलाके के निवासियों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की याचिका का मंगलवार को यहां उच्च न्यायालय के समक्ष विरोध किया. पुलिस ने कहा कि उन्होंने उन यात्रा करने वाले लोगों को आश्रय दिया, जिन्होंने कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए निजामुद्दीन मरकज से आए थे.

Delhi High Court
दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Jan 4, 2022, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने मार्च, 2020 में तबलीगी जमात में शामिल विदेशी लोगों की मेजबानी करने (Residents hosted Tablighi Jamaat attendees who violated prohibitory order) के लिए चांदनी महल इलाके के निवासियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने की याचिकाओं का यहां उच्च न्यायालय में मंगलवार को विरोध किया.

पुलिस ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाई गयी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करके निजामुद्दीन मरकज से आने वाले जमातियों को शरण दी.

आपराधिक कार्यवाहियों को खारिज करने की आरोपियों की याचिकाओं के जवाब में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि जमात के सदस्य 26 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2020 तक निजामुद्दीन मरकज में रह रहे थे लेकिन एक अप्रैल, 2020 को मध्य दिल्ली में चांदनी महल इलाके में पाये गये.

जांच एजेंसी ने कहा कि मौजूदा प्राथमिकियों में नामजद आरोपियों ने अधिकारियों द्वारा गतिविधियों पर निषेधाज्ञा लागू किये जाने के बाद अपने ठिकानों पर जमात के लोगों का प्रवेश कराया और ठहराया.

पढ़ें :- HC ने दिल्ली पुलिस से पूछा - क्या वीजा पर आए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को पनाह देने पर रोक है

याचिकाकर्ताओं की वकील आशिमा मंडला ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता से कहा कि जांच एजेंसी का तथ्यात्मक रुख अनुपयुक्त है.

न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं को पुलिस की स्थिति रिपोर्ट पर रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख मुकर्रर की.

अदालत ने कहा, प्रत्येक मामले के कानूनी और तथ्यात्मक पहलुओं पर रिजॉइंडर और लिखित दलीलें दाखिल की जाएं. अगर तथ्य विरोधाभासी हैं तो सुनवाई का विषय हो सकता है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने मार्च, 2020 में तबलीगी जमात में शामिल विदेशी लोगों की मेजबानी करने (Residents hosted Tablighi Jamaat attendees who violated prohibitory order) के लिए चांदनी महल इलाके के निवासियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने की याचिकाओं का यहां उच्च न्यायालय में मंगलवार को विरोध किया.

पुलिस ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाई गयी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करके निजामुद्दीन मरकज से आने वाले जमातियों को शरण दी.

आपराधिक कार्यवाहियों को खारिज करने की आरोपियों की याचिकाओं के जवाब में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि जमात के सदस्य 26 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2020 तक निजामुद्दीन मरकज में रह रहे थे लेकिन एक अप्रैल, 2020 को मध्य दिल्ली में चांदनी महल इलाके में पाये गये.

जांच एजेंसी ने कहा कि मौजूदा प्राथमिकियों में नामजद आरोपियों ने अधिकारियों द्वारा गतिविधियों पर निषेधाज्ञा लागू किये जाने के बाद अपने ठिकानों पर जमात के लोगों का प्रवेश कराया और ठहराया.

पढ़ें :- HC ने दिल्ली पुलिस से पूछा - क्या वीजा पर आए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को पनाह देने पर रोक है

याचिकाकर्ताओं की वकील आशिमा मंडला ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता से कहा कि जांच एजेंसी का तथ्यात्मक रुख अनुपयुक्त है.

न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं को पुलिस की स्थिति रिपोर्ट पर रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख मुकर्रर की.

अदालत ने कहा, प्रत्येक मामले के कानूनी और तथ्यात्मक पहलुओं पर रिजॉइंडर और लिखित दलीलें दाखिल की जाएं. अगर तथ्य विरोधाभासी हैं तो सुनवाई का विषय हो सकता है.

(पीटीआई)

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