नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने मार्च, 2020 में तबलीगी जमात में शामिल विदेशी लोगों की मेजबानी करने (Residents hosted Tablighi Jamaat attendees who violated prohibitory order) के लिए चांदनी महल इलाके के निवासियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने की याचिकाओं का यहां उच्च न्यायालय में मंगलवार को विरोध किया.
पुलिस ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाई गयी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करके निजामुद्दीन मरकज से आने वाले जमातियों को शरण दी.
आपराधिक कार्यवाहियों को खारिज करने की आरोपियों की याचिकाओं के जवाब में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि जमात के सदस्य 26 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2020 तक निजामुद्दीन मरकज में रह रहे थे लेकिन एक अप्रैल, 2020 को मध्य दिल्ली में चांदनी महल इलाके में पाये गये.
जांच एजेंसी ने कहा कि मौजूदा प्राथमिकियों में नामजद आरोपियों ने अधिकारियों द्वारा गतिविधियों पर निषेधाज्ञा लागू किये जाने के बाद अपने ठिकानों पर जमात के लोगों का प्रवेश कराया और ठहराया.
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याचिकाकर्ताओं की वकील आशिमा मंडला ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता से कहा कि जांच एजेंसी का तथ्यात्मक रुख अनुपयुक्त है.
न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं को पुलिस की स्थिति रिपोर्ट पर रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख मुकर्रर की.
अदालत ने कहा, प्रत्येक मामले के कानूनी और तथ्यात्मक पहलुओं पर रिजॉइंडर और लिखित दलीलें दाखिल की जाएं. अगर तथ्य विरोधाभासी हैं तो सुनवाई का विषय हो सकता है.
(पीटीआई)